Editorial*महिलाएं_तत्पर_है_आसमान_छूने_के_लिए*
01 मई 2023- (#महिलाएं_तत्पर_है_आसमान_छूने_के_लिए)-
पुरुषों का अब किसी क्षेत्र मे एकाधिकार नहीं रहा। महिलाएं न केवल उनकी हर क्षेत्र मे बराबरी कर रही है अपितु कुछ क्षत्रों मे उन्हे पछाड़कर आगे निकल रही है, जबकि प्रकृति द्वारा प्रदान सन्तान उत्पति एकाधिकार उनके पास सुरक्षित है भी और रहेगा भी। खैर पहली बार तोपखाना रेजिमेंट मे पांच महिला अफ़सरों की तैनाती के साथ उन्होने एक बार फिर से पुरुषों के एकाधिकार के चक्कर को भेदने मे सफलता पाई है। प्रतिष्ठित दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार देश मे पहली बार पांच महिला सैन्य अफ़सरों को थल सेना की तोपखाना रेजिमेंट मे नियुक्त किया गया है। इन अफ़सरों मे लेफ्टिनेंट महक सैनी, ले० साक्षी दुबे, ले० अदिति यादव, ले० पायस मुदगिल और ले० आकांक्षा शामिल है। इनमे से तीन को चीन से लगती सीमा पर तैनात किया जा रहा है, जबकि दो अफसर पाकिस्तान मे लगती सीमा पर देश की सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगी।
वीरता और गौरव के साथ देश की सेवा करने के लिए महिलाएं तमाम बाधाएं तोड़ रही है। हालांकि अन्य क्षेत्रों मे तो पहले ही महिलाएं आगे बढ़ रही है लेकिन थल सेना मे सीमा सुरक्षा के लिए नियुक्ती हासिल करना बड़ी बात है। स्मरण रहे इन महिलाओं को पुरूष सैनिको जैसी ही चुनौतियाँ और हालात का मुकाबला करना होगा। इन महिला अफ़सरों के पास अपने समकक्ष पुरूष अफ़सरों के समान उपकरणों और हथियारों की ट्रेनिंग और जानकारी उपलब्ध है। यह सारे देश के लिए गर्व के पल है। इसके अतिरिक्त एक और बड़ी खबर है कि गलवां के शहीद नायक की पत्नी रेखा सिंह भी सैन्य अफसर बनी और उसे पूर्वी लद्दाख मे तैनाती दी गई। स्मरण रहे इनके पति नायक दीपक को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
अब माहिलाएं हिम्मत और बहादुरी की मिसाल पेश करने मे कहीं भी पीछे नहीं है। इस सन्दर्भ मे सोलन क्षेत्र की बेटी और पर्वतारोही बलजीत के बुलंद हौसले और हिम्मत की भी दाद देनी होगी। नेपाल की अन्नपूर्णा पहाड़ी मे हादसे से सुरक्षित लौटी बलजीत ने यात्राओं को जारी रखने का संकल्प दोहराया है। हालांकि वह मौत को मात देकर घर वापस पहुंची है। बेटियों ने पुरानी स्थापित परम्पराओं को तोड़कर जो आसमान छूने और अपनी सफलता की नई गाथा लिखनी शुरू की है वह अति प्रशंसनीय है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।