तीसरी सरकार महासंघ ने हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से ग्राम सभा आंदोलन का किया शुभारंभ


तीसरी सरकार महासंघ ने हिमाचल प्रदेश के पालमपुर से ग्राम सभा आंदोलन का किया शुभारंभ

पालमपुर, हिमाचल प्रदेश – पालमपुर प्रेस क्लब में एक ऐतिहासिक प्रेस वार्ता के दौरान तीसरी सरकार महासंघ ने ग्राम सभा शासन के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन की घोषणा की। इस आंदोलन का उद्देश्य स्थानीय शासन को सशक्त बनाना, सत्ता का विकेंद्रीकरण करना, और नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करके पारदर्शी, जनहितकारी और विकास-केंद्रित भारत की स्थापना करना है।
इस प्रेस वार्ता को कई प्रमुख नेताओं ने संबोधित किया:
बलदेव राज सूद, स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष एवं भारत गठबंधन राष्ट्रीय संयोजक ने पत्रकार वार्ता को संवोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता के 78 बर्षों तक भी देश की सरकारें सही लोकतंत्र की स्थापना नहीं कर पाई हैं । भारत गठबंधन देश की 103 राजनीतिक दलों का संगठन बन गया है । उन्होने कहा कि भारत गठबंधन देश के शासन में सीधे आम जनता की भागी दारी सुनिश्चित करेगा । उन्होने कहा कि तीसरी सरकार की उद्घोषणा पालमपुर देवभूमि हिमाचल से होना सौभाग्य की बात है।
सरदार इंदरप्रीत सिंह, नेशनल लोक कल्याण पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भारत गठबंधन के संयोजक, जो पंजाब में तीसरी सरकार आंदोलन का नेतृत्व करेंगे, ने कहा कि बिना विकेंद्रीकरण लोकतंत्र अधूरा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शक्ति का विकेंद्रीकरण कर जनता को वास्तविक शासन में भागीदार बनाना होगा।
अमन बंदवी, सड्डा खिड़दा पंजाब के संयोजक और तीसरी सरकार महासंघ के मुख्य संयोजक, ने कहा कि ग्राम सभा को सशक्त बनाने से भ्रष्टाचार मुक्त, जन-हितैषी और भागीदारी वाली राजनीति स्थापित होगी।
अरुण कुमार शर्मा, नेशनल लोक कल्याण पार्टी, दिल्ली के प्रमुख, जिन्होंने नई दिल्ली सीट पर AAP को हराने में अहम भूमिका निभाई थी, ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकारों को स्थानीय स्वशासन के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
रमेश भाऊ, स्वाभिमान पार्टी के वरिष्ठ नेता, ने भारतीय समाज में आत्म-शासन और स्थानीय न्याय व्यवस्था की ऐतिहासिक भूमिका पर प्रकाश डाला और कहा कि ग्राम सभा ही असली लोकतंत्र है।
राजा जगजीत कटोच, हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ ग्राम सभा आंदोलनकर्ता, ने कहा कि भारत की पारंपरिक शासन प्रणाली हमेशा न्याय और सामुदायिक हितों को प्राथमिकता देती थी। उन्होंने नागरिकों से ग्राम सभा के अधिकारों को पुनः स्थापित करने का आह्वान किया।
तीसरी सरकार – नवभारत की परिकल्पना
नेताओं ने कहा कि सत्ता का विकेंद्रीकरण सुशासन के लिए आवश्यक है। भारत में खाप पंचायतों और सामुदायिक परिषदों ने सदियों तक समाज में न्याय और अनुशासन बनाए रखा। 1992 के 73वें और 74वें संविधान संशोधन के तहत ग्राम सभा को तीसरी सरकार का दर्जा दिया गया था, लेकिन इसे आज तक प्रभावी रूप से लागू नहीं किया गया।
तीसरी सरकार महासंघ के प्रमुख लक्ष्य:
✅ ग्राम सभा को प्राथमिक निर्णय लेने वाली इकाई बनाना।
✅ नागरिकों को स्थानीय शासन का सीधा अधिकार देना।
✅ जमीनी स्तर पर भागीदारी लोकतंत्र सुनिश्चित करना।
✅ केंद्र और राज्य सरकारों से सत्ता विकेंद्रीकरण करना।
महात्मा गांधी जी ग्राम स्वराज की परिकल्पना करते थे – आत्मनिर्भर गांव ही लोकतंत्र की असली नींव हैं। तीसरी सरकार महासंघ इस सपने को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
हिमाचल प्रदेश से शुरू हुआ यह आंदोलन पूरे देश में फैलाया जाएगा, ताकि वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना हो सके और शासन का अधिकार जनता को मिल सके।
तीसरी सरकार – सत्ता जनता के हाथों में!