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Waqf Board: *पसमांदा मुसलमानों साथ में लेकर देश को जोड़ने का नई सोच है,वक़्फ़ बिल संशोधन विधेयक : इरफान जामियावाला*

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पसमांदा मुसलमानों साथ में लेकर देश को जोड़ने का नई सोच है,वक़्फ़ बिल संशोधन विधेयक :
इरफान जामियावाला

कहते है न की धोबी पे धोबी बस्ता है तो गेंडा में भी साबुन लगने लगता है, ये बात आल इंडिया पसमांदा मुस्लिम महाज

के राष्ट्रीय प्रवक्ता इरफान जामियावाला ने सरकार की ओर से प्रस्तावित वक्फ बिल संशोधन विधेयक का समर्थन किया है। शुक्रवार को उन्होंने पत्रकारों से इस संबंध में वार्ता, की। कहा कि वक्फ बोर्ड पर 15 प्रतिशत आबादी वाले अशरफ (अग्रणी सुविधा संपन्न) मुसलमानों का कब्जा है। मौलाना सज़्ज़ाद नुमानी, मौलाना असद मदनी व उनकी कंपनी के लोग वक्फ संपत्तियों पर सांप की तरह कुंडली मारे बैठे हैं, जबकि 85 प्रतिशत पसमांदा (अति पिछड़ा व शोषित वंचित) मुसलमान यानी पसमंदा मुसलमान को वर्षो से मृग तृष्णा दिखाया जा रहा है,
मुसलमान को वक्फ संपत्तियों से कोई
लाभ नहीं मिल रह है। मौलाना
अरशद मदनी की दलीलें मतलब
परस्ती वाली हैं। उन्होंने पसमांदा
मुसलमानों के हित में कभी कुछ नहीं
किया, उल्टे इनका इस्तेमाल किया है।
वक्फ संशोधन विधेयक लाकर
सरकार कुछ अच्छा करना चाहती तो मदनी व उनके सहयोगी सरकार के खिलाफ अभियान चलाने में जुटे हुए हैं। लेकिन मदनी के मंसूबों को पसमांदा मुसलमान जान चुका है। इरफान जामियावाला व वसीम राइन ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वक्फ से संबंधित संपत्तियों के संबंध में जो निर्णय लिया है, वह पसमांदा मुसलमानों के हित में है। इसलिए पसमन्दा मुसलमान इस संशोधन को खुलकर सपोर्ट कर रहा है।

समर्थन मदनी आज ई-मेल से सरकार के विरोध में बयानबाजी करने के लिए लोगों को बरगला रहे हैं जबकि इनसे पूछना चाहिए कि आप 341/3 पे आज तक क्यो नही बोले, और इस नामुराद मौलानाओ से ये भी पूछा जाए की जब 10 अगस्त 1950 को दलित मुसलमानों को अनुसूचित जाति से हटाकर आरक्षण छीन लिया गया तो AIMPLB आवाज़ क्यो नही उठाये, कितने पसमांदा मुसलमानों का हक़ छिना गया 543 सांसद में से 132 सीट मुफ्त में किसने दिया, और दूसरी बात मेरे राष्ट्रीय सचिव वसीम राइन भाई ने पूछा की पसमंदा मुसलमानों को ई-मेल चलाने जैसी शिक्षा दिलाने में मदद की AIMPLB ने,
उन्होंने कहा कि यूपी में एक लाख 22 हजार व बंगाल में एक लाख 44 हजार मिलाकर पूरे देश में वक्फ को कुल चार लाख १० हजार संपत्तियां हैं। जिनसे पसमांदा मुसलमानों को दूर रखा गय और जब कोई पसमन्दा कुछ प्लाँन् स्कूल, कॉलेज बनवाने के लिए लेके जाते थे तो उनको भगा दिया जाता था, और उस जगह पे अपने दोस्तों रिश्तेदारों का बिरयानी की दूकान खोलवा दिया, भारत सरकार से नम्र निवेदन है की वक़्फ़ की सभी प्रोपर्टी को गरीब मुसलमानों में बाट दे, भारत के पसमन्दा मुसलमान पूरी तरह से सरकार के साथ में है।।

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