पाठकों के लेख एवं विचार

सुन_चंपा_सुन_तारा_कौन_जीता_कौन_हारा

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10 अक्तूबर 2024- (#सुन_चंपा_सुन_तारा_कौन_जीता_कौन_हारा)–

एग्जिट पोल मे हरियाणा मे कांग्रेस को भारी बहुमत और जम्मू-कश्मीर मे हंग एसेम्बली की भविष्यबाणी की गई थी, लेकिन एग्जिट पोल सर्वे करने वालो के सारे सर्वे और आंकलन फेल हो गए। हरियाणा मे भाजपा की हैट्रिक और जम्मू-कश्मीर मे नैकां-कांग्रेस को बहुमत का अंतिम परिणाम है। मेरी समझ मे दोनो चुनावो के नतीजे अचंभित करने वाले है। दोनो जगह भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा है। जम्मू-कश्मीर मे भाजपा को हार के बाद इस बात का सन्तोष होना चाहिए कि भाजपा को सबसे अधिक मत प्राप्त हुए है और केन्द्रीय सरकार वहां बिना दहशत गर्दी और आतंक के चुनाव करवाने मे सफल रही है, लेकिन हरियाणा मे भाजपा का 48 सीटे जीत कर तीसरी बार सरकार बनाना बड़ी खबर है। सारे चुनाव के दौरान भाजपा को सत्ता विरोधी लहर के अतिरिक्त कांग्रेस व अन्य दलों द्वारा बेरोजगारी, किसान आन्दोलन और पहलवान आन्दोलन को लेकर आरोपो का सामना करना पड रहा था, फिर भी भाजपा के रणनीतिकारो का जमीनी स्तर पर प्रबंधन, सोशल इन्जीनियरिंग और कांग्रेस के मुद्दो की काट ने बिगड़ा काम भी सही कर दिया। भाजपा ने आक्रामक तेवर अपनाए और कांग्रेस के शासनकाल मे भ्रष्टाचार, भूमि स्कैंडल और सरकारी नौकरियों मे पक्षपात के मुद्दों को उठाया।

कांग्रेस ने जो लोकलुभावने वायदे चुनाव मे किए थे भाजपा ने हिमाचल सरकार के वायदो को पुरा न करने, हिमाचल सरकार की आर्थिक स्थिति, हिमाचल सरकार को कर सरकार बता कर और कर्मचारियों को वेतन, पैन्शन समय पर नही मिल रहे है को मुद्दा बनाकर हवा निकाल दी। कांग्रेस केवल ऊपरी माहौल देखकर खुश और उत्साहित थी, जबकि भाजपा संघ के समर्थन के साथ जमीनी प्रबंधन कर अपने रूठे कार्यकर्ताओ को मनाने के लिए प्रयत्नशील थी। कांग्रेस लोकसभा मे अच्छे प्रदर्शन के चलते अति आत्मविश्वास मे थी और कुमारी शैलजा की नाराजगी के प्रति कांग्रेस हाईकमान उदासीन रही। राजनैतिक विश्लेषको का मानना है कि शैलजा की नराजगी के चलते कांग्रेस को अपेक्षित अनुसूचित वर्ग का वोट नहीं मिला। कांग्रेस ने अधिकतर टिकट भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर उनकी पंसद के लोगो को दिए और कांग्रेस पार्टी की छवि जाट पार्टी की बनकर रह गई। मेरी समझ मे इस छवि की प्रतिक्रियास्वरूप गैर जाट लोग भाजपा के पक्ष मे लामबंद हो गए। कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी का जलेबी की फैक्ट्री और जलेबी के निर्यात की बात मतदाताओं मे मजाक बनकर रह गई। उनके भाषण जातीय जनगणना और 50% आरक्षण सीमा की समाप्ती पर केंद्रित थे लेकिन वह भी अनुसूचित वर्ग के वोटरो को प्रभावित नहीं कर सके। खैर अब कांग्रेस चुनाव और गिनती मे धांधली की बात कर रही है। मेरे विचार मे इस प्रकार का आरोप लगाना काफी नहीं है। अगर कांग्रेस के पास तथ्य और सबूत है तो वह चुनाव याचिका दायर कर अपने आरोप साबित कर सकती है अन्यथा यही माना जाएगा “खिसायानी बिल्ली खम्बा नौचे”

#आज_इतना_ही।

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