*जनमंच/जनआवाज:-टांडा मेडिकल कॉलेज को पीजीआई में अपग्रेड करने की मांग एक जरूरी मांग*
*जनमंच/जनआवाज:-टांडा मेडिकल कॉलेज को पीजीआई में अपग्रेड करने की मांग एक जरूरी मांग*
टांडा मेडिकल कॉलेज को पीजीआई में अपग्रेड करने की मांग एक जरूरी मांग है, जो स्थानीय आबादी की जरूरतों को दर्शाती है, जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा तक पहुँचने में महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रही है। कांगड़ा, चंबा और आस-पास के इलाकों के निवासियों के लिए, टांडा में मौजूदा बुनियादी ढाँचा अपग्रेड होने पर एक महत्वपूर्ण हॉस्पिटल हो सकता है। IGMC शिमला और PGI चंडीगढ़ जैसे अन्य विशेष केंद्रों तक लंबी यात्रा का समय, रोगियों पर अनावश्यक बोझ डालता है, खासकर आपात स्थिति में। टांडा को पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) में अपग्रेड करने से न केवल उन्नत चिकित्सा उपचारों तक पहुँच में सुधार होगा, बल्कि स्नातकोत्तर प्रशिक्षण के माध्यम से स्थानीय विशेषज्ञता को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों और रोगियों दोनों को लाभ होगा। इस प्रस्ताव में क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के तनाव को काफी हद तक कम करने और यह सुनिश्चित करने की क्षमता है कि लोगों को लंबी यात्रा की आवश्यकता के बिना वह विशेष देखभाल मिले जिसके वे हकदार हैं।
यह एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील मुद्दा है, जो न केवल स्वास्थ्य सेवाओं के वितरण से जुड़ा है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के जीवन से भी गहरे तौर पर जुड़ा हुआ है। नित नए निजी अस्पताल खुल रहे हैं, लेकिन गरीबों के लिए उनकी सेवाएं उपलब्ध नहीं होतीं, क्योंकि वे महंगे होते हैं और गरीबों के लिए उन तक पहुंच पाना एक बड़ी चुनौती है।
एक समय
विवेकानंद अस्पताल के नाम पर जो वादा जो लोगो से किया गया था, वह एक अन्य महत्वपूर्ण उदाहरण है, जहां लोगों को PGI या AIIMS जैसी सुविधा मिलने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अब तक कुछ ठोस परिणाम नहीं सामने आए हैं। इस प्रकार की कथनी और करनी का फर्क जनता को परेशान करता है और उनका विश्वास टूटता है।
बिलासपुर में AIIMS बन सकता है, तो कांगड़ा क्षेत्र में PGI क्यों नहीं? इन सवालों का जवाब खोजना जरूरी है, क्योंकि इससे न केवल इलाके के लोगों की स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार होगा, बल्कि एक नए मेडिकल संस्थान से स्थानीय युवाओं को मेडिकल शिक्षा और रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
सरकार, समाज और स्थानीय नेता सभी को मिलकर इस दिशा में काम करना चाहिए ताकि गरीब और जरूरतमंद लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।