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नेता ने हिंदुत्व की तुलना आई एस आई एस से कर भाजपा को एक बड़ा हथियार थमा दिया है

18 नवम्बर 2021– (#कांग्रेस नेता_ने_हिंदुत्व_की_तुलना_आई_एस_आई_एस_से_कर_भाजपा_को_एक_बड़ा_हथियार_थमा_दिया_है) —

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लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद द्वारा अपनी पुस्तक “सनराइज ओवर अयोध्या” नेशनहुडइन अवर टाइम्स मे हिंदुत्व की तुलना कथित रूप से इस्लामिक आतंक से की है। मुझे नहीं पता कि सलमान खुर्शीद का ऐसी विवादित टिप्पणी करने का क्या उद्देश्य है। यह भी कहा जाता है कि कुछ लेखक अपनी किताब मे विवादित टिप्पणी इसलिए भी करते है ताकि उस किताब की बाजार मे मांग और बिक्री बढ़ जाए लेकिन यदि उनकी यह लिखने की मंशा राजनैतिक है और वह यह सब लिख कर हिंदुत्व के सबसे बड़े ध्वज वाहक भाजपा सहित संघ परिवार पर निशाना साध रहे है तो मेरे विचार मे यकीन मानिए यह दाव खुर्शीद और कांग्रेस को उल्टा पड़ने वाला है, क्योंकि जब सलमान की इस टिप्पणी को लेकर आलोचना शुरू हुई तो राहुल गांधी हिंदुत्व और हिन्दु धर्म मे अतंर को लेकर अपनी परिभाषा परिभाषित करने लगे है। उन्होंने यह कह कर आग मे घी डाल दिया कि भाजपा – संघ की घृणा की विचारधारा ने कांग्रेस की स्नेह और राष्ट्रवादी विचारधारा को प्रभावित किया है। मै राहुल गांधी की किसी परिभाषा पर टिप्पणी नहीं कर रहा हूँ लेकिन इतना जरूर है कि आज समाज का बहुमत वर्ग हिंदुत्व के विरूद्ध कोई भी टिप्पणी सुनने को तैयार नहीं है, भले टिप्पणीकार जनेऊधारी हिन्दू ही क्यों न हो।

उधर कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि हिंदुत्व की तुलना आई एस आई एस और जेहादी इस्लाम से करना तथ्यात्मक रूप से गलत और अतिशयोक्तिपूर्ण है। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक मे छपे लेख के अनुसार कांग्रेस के कुछ नेताओ का मानना है और आशंका है कि खुर्शीद की टिप्पणी और राहुल के विचारों से बहस छिड़ सकती है और यह सारी बहस पार्टी के विरूद्ध जा सकती है और चुनावों विशेषकर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड मे भाजपा को लाभ हो सकता है। यह बात सही है। भाजपा का पहले से ही यह तर्क है कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति करती है और यह एक मुस्लिम पार्टी है। भाजपा समर्थक पहले से ही कांग्रेस को टुकड़े-टुकड़े गैंग से जोड़ते है। खुर्शीद और राहुल की टिप्पणियों के बाद उनका गुस्सा आसमान पर है। अब वह उत्तर प्रदेश चुनाव मे खुर्शीद की किताब को भाजपा के हक मे भुनाने का प्रयास करेंगें। खुर्शीद की किताब भले बिक जाएगी परन्तु उनकी पार्टी की दुकान उत्तर प्रदेश के चुनाव मे बंद हो सकती है।

नोट- (कुछ जानकारियां प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक मे छपे पूनम आई कौशिश के लेख से ली गई है)

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