Editorial

*Editorial: आज की पीढ़ी को अपने से बड़े बुजुर्गों के अनुभव से सीखने की जरूरत*

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आज की पीढ़ी एक बात मान ले कि जीवन की कड़वी सच्चाई ना लैब में मिलती है ना लाइब्रेरी ,ना लेक्चर में, मां बाप या बड़ों के जो एक्सपीरियंस होते हैं वह वास्तविकता के आधार पर होते हैं। यह एक कटु सत्य है।

Bksood chief editor tct

जिसने भी अपने बुजुर्ग के उनके जीवंत एक्सपीरियंस से नहीं सीखा है ,वह स्वयं के प्रैक्टिकल एक्सपीरियंस से ठोकरें खा खाकर सीखता है ।परंतु उसके लिए उसे बहुत समय गवाना पड़ जाता है जिस ने भी अपने बुजुर्गों के एक्सपीरियंस को सही माना और उनकी सही बात को अपने जीवन में उतार लिया तो उनका बहुत सा समय बच जाता है। इस तरह वह अपने जीवन के कई कीमती साल बचा लेते हैं, हालांकि यह जरूरी नहीं कि बुजुर्गों की हर बात सही और सटीक होती हो परंतु जो बात नई पीढ़ी को अच्छी लगे उसे उन्हें अपना लेना चाहिए ताकि उनका कीमती समय बच सके। टेक्नोलॉजी में एडवांस होना तथा जीवन के कटु सत्यों का सामना करना उनके अनुभव से जीवन के रास्ते तय करना दोनों ही अलग-अलग बातें हैं।
बड़े बुजुर्ग टेक्नोलॉजी में थोड़े पीछे हो सकते हैं लेकिन जीवन रहस्य, जीवन के एक्सपीरियंस और जीवन के कटु सत्यों से वह प्रैक्टिकल रूप से गुजरे होते हैं, तथा अपनी नई पीढी को उसी आधार पर सलाह देते हैं ।
आप एक बात को तो मानेंगे ही कि आज से सदियों पहले रहीम ने तुलसीदास ने कालिदास ने जो दोहे लिखे या लोकोक्तियां लिखीं हैं उनमें आज भी कितनी सत्यता है वह आज के जीवन में भी प्रैक्टिकल रूप से सही और सटीक बैठते हैं।
उनके दोहों को देखिए तो हमें बहुत सी सीख मिलती है जो कि एक सफल जीवन को जीने में आज भी सहायक होते हैं । इन लोगों की कौन से यूनिवर्सिटी ली डिग्री थी परंतु डिग्रियां ना होने के बावजूद भी इन लोगों ने जीवन बहुत प्रैक्टिकल थॉट दिए। सोचिए यह लोग कितने विचारशील रहे होंगे अगर उस जमाने के बच्चे उन्हें ना मान पाए तो यह उनकी गलती थी परंतु आज भी उनकी शिक्षाएं जीवन में बहुत महत्व रखती हैं तथा सफल जीवन को जीने का एक सरल रास्ता दिखाते हैं।#bksood

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