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*प्रधानमंत्री ने उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य-ऊर्जा /2047 के समापन समारोह में भाग लिया*

Tct chief editor

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य -ऊर्जा /2047  के समापन समारोह में भाग लिया। इस समारोह में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर मंडी जिला के थुनाग से वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री कुसुम योजना के लाभार्थी मंडी जिला के सुन्दरनगर के हंस राज से संवाद किया।
आजादी का अमृत महोत्सव के तहत 25 से 30 जुलाई तक उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य -ऊर्जा /2047 का आयोजन किया गया। देश भर में आयोजित, इस कार्यक्रम में पिछले आठ वर्षों के दौरान बिजली क्षेत्र में हुए परिवर्तनों को प्रदर्शित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार की बिजली संबंधी विभिन्न पहलों, योजनाओं और कार्यक्रमों के बारे में नागरिकों की जागरूकता और भागीदारी में सुधार करके उन्हें सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर उपायुक्त मंडी अरिन्दम चौधरी, सतलुज जल विद्युत निगम के सीएमडी नन्द लाल शर्मा, हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड सीमित के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल, सतलुज जल विद्युत निगम के प्रमुख सलाहकार डॉ. एम.पी. सूद सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
                  

आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में ऊर्जा मंत्रालय के उज्ज्वल भारत-उज्ज्वल भविष्य कार्यक्रम की कड़ी में शनिवार को सराज विधानसभा क्षेत्र के  थुनाग में आयोजित ग्रेड फिनाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से लाभार्थियों से संवाद किया ।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014 में देश में विद्युत उत्पादन क्षमता जहां 2 लाख 48 हजार 554  मेगावॉट थी वो आज 4 लाख मेगावॉट तक पहुंच गई है । यह हमारी ऊर्जा जरूरतों के मुकाबले 1.85 लाख मेगावाट अधिक है। आज भारत पड़ोसी देशों को विद्युत का निर्यात कर रहा है। पूरे देश में एक ग्रिड तथा एक फ्रीकवैंसी के तहत 1 लाख 63 हजार किलोमीटर बिजली लाईनों का विस्तार किया गया है । इस ग्रिड के जरिए 1 लाख 12 हजार मेगावॉट बिजली को देश के एक कोने से दूसरे ग्रिड तक संचारित करने की क्षमता का निर्माण हुआ है । जलवायु परिवर्तन से संबंधित पेरिस समझौता सीओपी 21 के संकल्प के मुताबिक हमने देश में नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने और वर्ष 2030 तक अक्षय ऊर्जा से 40 प्रतिशत विद्युत उत्पादन की प्रतिबद्धता जताई थी, इस लक्ष्य को हमने नवम्बर, 2021 में ही हासिल कर लिया है । आज हम नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से 1,63,000 मैगावॉट विद्युत उत्पादन कर रहे हैं । हम सबसे तेज गति से नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने में विश्व में अग्रणी हैं।
     देश में पिछले 8 सालों में विद्युत वितरण तथा अधोसंरचना को सुदृढ़ करने के लिए 2,01,722 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। 2921 नए सब-स्टेशन, 3926 सब-स्टेशनों का विस्तार, 6,04,465 किलोमीटर एल.टी.लाईनें तथा 2 लाख 68 हजार से अधिक  11 केवी एच टी लाईनें बिछाई गई हैं। वर्ष 2015 में ग्रामीण क्षेत्रों को औसतन 12.5 घंटे बिजली आपूर्ति की जाती थी जिसे अब प्रतिदिन औसतन 22.5 घंटे तक बढ़ा दिया गया है ।
वहीं, हिमाचल सरकार ने विद्युत उपभोक्ता अधिकार नियम, 2020 लागू कर नए विद्युत कनेक्शन लगाने के लिए समय सीमा निर्धारित की है । समय पर विद्युत बिल देने सुनिश्चित किए हैं। विद्युत संबंधी शिकायतों के समाधान के लिए समय सीमा निर्धारित की है, ताकि उपभोक्ताओं को सुगमता हो।
आम नागरिकों की सुविधा के लिए 125 यूनिट बिजली मुफ्त देने के निर्णय से साढ़े 11 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को सीधा लाभ पहुंचा है। लोगों के बिजली बिल जीरो आए है.

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