Mandi/ Palampur/ DharamshalaHimachal
*चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय और एनएफएल मिलकर करेंगें शोध: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी*
चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय और एनएफएल मिलकर करेंगें शोध: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी
एनएफएल प्रोफेसर चेयर होगी स्थापित, समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर
पालमपुर। चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ने शनिवार को अनसुंधान और प्रसार में आपसी सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय और नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ;एनएफएल इस बात पर भी सहमति जताई है कि संस्थान के मृदा विज्ञान विभाग में एनएफएल के उर्वरकों, जैव उर्वरकों, अनुकूलित और मजबूत उर्वरकों पर अनुसंधान में तेजी लाने के लिए एनएफएल प्रोफेसर चेयर स्थापित होगी। कुलपति जी ने कहा कि नियमित अंतराल पर प्रक्षेत्रों में मिट्टी की जांच अभियान, फील्ड दिवसों आदि कार्यक्रमों को संयुक्त तौर पर आयोजित किया जाएगा।
पालमपुर। चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय और राष्ट्रीय फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ने शनिवार को अनसुंधान और प्रसार में आपसी सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी ने बताया कि विश्वविद्यालय और नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड ;एनएफएल इस बात पर भी सहमति जताई है कि संस्थान के मृदा विज्ञान विभाग में एनएफएल के उर्वरकों, जैव उर्वरकों, अनुकूलित और मजबूत उर्वरकों पर अनुसंधान में तेजी लाने के लिए एनएफएल प्रोफेसर चेयर स्थापित होगी। कुलपति जी ने कहा कि नियमित अंतराल पर प्रक्षेत्रों में मिट्टी की जांच अभियान, फील्ड दिवसों आदि कार्यक्रमों को संयुक्त तौर पर आयोजित किया जाएगा।
प्रो.चौधरी ने बताया कि यह समझौता प्रदेश के वैज्ञानिक, विद्यार्थियों और किसानों के लिए एक लंबा सफर तय करेगा। उन्होंने उर्वरकों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील फसल किस्मों के योगदान को याद करते हुए कहा कि इसकी बदौलत राष्ट्र खाद्यान्न में आत्मनिर्भर हुआ व हरित क्रांति आई। उन्होंने घोषणा की कि अब प्रतिवर्ष छह अगस्त को इस समझौता पत्र की याद में विशेष व्याख्यान आयोजित किया जाएगा।
एनएफएल के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक निर्लेप सिंह राय ने नए समझौते की सराहना करते हुए कहा कि एनएफएल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी औद्योगिक इकाइयों में प्रशिक्षण के लिए अनुमति देगा। उन्होंने बताया कि समझौता ज्ञापन में विशेष फसलें जैसे लाल चावल,ब्लूबेरी आदि फसलों को उगानें , कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग, मिट्टी व पौधों का विश्लेषण आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि अमोनिया आधारित उर्वरक अनाज उत्पादन में करीबन पचास फीसदी का योगदान देते है। अब दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता है और एनएफएल अपने उर्वरकों और अन्य उत्पादों के माध्यम से इसमें अपना योगदान खामोशी से दे रहीं है। उन्होंने उर्वरकों के समन्वित उपयोग की बात को कहा और कृषक समुदाय की भलाई के लिए क्षेत्रों को तलाशा जाए।
एनएफएल के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक निर्लेप सिंह राय ने नए समझौते की सराहना करते हुए कहा कि एनएफएल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी औद्योगिक इकाइयों में प्रशिक्षण के लिए अनुमति देगा। उन्होंने बताया कि समझौता ज्ञापन में विशेष फसलें जैसे लाल चावल,ब्लूबेरी आदि फसलों को उगानें , कृत्रिम बुद्धिमता का उपयोग, मिट्टी व पौधों का विश्लेषण आदि शामिल है। उन्होंने बताया कि अमोनिया आधारित उर्वरक अनाज उत्पादन में करीबन पचास फीसदी का योगदान देते है। अब दूसरी हरित क्रांति की आवश्यकता है और एनएफएल अपने उर्वरकों और अन्य उत्पादों के माध्यम से इसमें अपना योगदान खामोशी से दे रहीं है। उन्होंने उर्वरकों के समन्वित उपयोग की बात को कहा और कृषक समुदाय की भलाई के लिए क्षेत्रों को तलाशा जाए।
निदेशक विपणन अतुल बी पाटिल, कार्यकारी निदेशक विपणन अनिल मोत्सरा ने बताया कि एनएफएल द्वारा नए लांच किए उत्पादों को विश्वविद्यालय को जांच के लिए दिया जाएगा। एनएफएल के वरिष्ठ अधिकारी मैसर्ज योगिंद्र सिंह, राजबीर तया और दिलबाग सिंह इस दौरान मौजूद रहें। मृदा विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा.एन.के.सांख्यान और एनएफएल चेयर प्रोफेसर डा.प्रदीप कुमार ने सटीक खेती , क्षेत्र परीक्षण और एनएफएल उत्पादों के प्रदर्शन आदि की इस दौरान विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान विश्वविद्यालय के संविधिक अधिकारी और वैज्ञानिक भी मौजूद रहे।