*कांग्रेस ने दी 10 घोषणाओं की गांरटी :लेखक,,, महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
2 सितंबर 2022- (#कांग्रेस_ने_दी_10_घोषणाओं_की_गांरटी)-
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के चुनाव निकट आ रहे है। राजनैतिक पार्टियों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए कमर कस ली है। हालांकि आम आदमी पार्टी भी अपने को हिमाचल मे विकल्प के तौर पर पेश कर रही है, लेकिन राजनैतिक विश्लेषक आज भी मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस मे मान रहे है। भाजपा ने अपने घोषणापत्र को दृष्टिपत्र का नाम देते हुए इसे बनाने और ड्राफ्ट करने का काम राज्य सभा सांसद सिकंदर कुमार की अध्यक्षता मे बनी कमेटी को सौंप दिया है। उधर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने पहल करते हुए अपने 10 वायदो की गारंटी दी है। मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस के चार बड़े वायदे है:-
(1) पुरानी पैंशन की बहाली
(2) 300 यूनिट मुफ़्त बिजली (3) 5 लाख नई नौकरियां
(4) महिलाओं को 1500 रूपए मासिक सहायता।
हिमाचल प्रदेश के सभी राजनैतिक दलों की घोषणाओं की विवेचना के बाद यह समझ आता है कि किसी भी पार्टी को मुफ्तवाद से परहेज नहीं है। खैर अभी चुनाव की दृष्टि से कांग्रेस ने पहल कर अपनी 10 घोषणाओं की गारंटी जारी की है। कांग्रेस ने पहली गारंटी पुरानी पैंशन को लेकर दी है। सर्वविदित है कि पुरानी पैंशन को केंद्र की एन.डी.ए सरकार ने समाप्त कर नई पैंशन स्कीम लागू की थी, लेकिन उस समय हिमाचल देश का पहला राज्य था जिसने इस नई पैंशन स्कीम को लागू किया था। स्मरण रहे उस समय कांग्रेस की सरकार हिमाचल मे थी और वीरभद्र सिंह जी मुख्यमंत्री थे। कांग्रेस दावा कर रही है कि यह सारी घोषणाए तीन मास मे पुरी कर दी जाएगी और पुरानी पैंशन सरकार बनने के 10 दिन मे बहाल कर दी जाएगी लेकिन सच्चाई यह है कि घोषणाओं के बावजूद कांग्रेस की राजस्थान और छत्तीसढ़ सरकारे पैंशन बहाल नहीं कर सकी है।
पुरानी पैंशन की मांग कर रहे कर्मचारियों की जहां यह उचित मांग है ,वंही उनकी संख्या भी काफी अधिक है और बड़ा वोट बैंक है और कोई भी पार्टी इस वोट बैंक को खोना नहीं चाहती है। तीन अन्य घोषणाओं के लिए भी बड़े बजट की जरूरत होगी। कांग्रेस का दावा है कि उन्होने आर्थिक पहलुओं की जांच कर ली है। हालांकि लगभग 70 हजार करोड़ रूपए के कर्ज मे डूब चुके प्रदेश मे ऐसी जांच पड़ताल का सन्देह के घेरे होना स्वाभाविक है। कांग्रेस यदि गंभीर है तो वह अपनी जांच पड़ताल और पांच वर्ष का अनुमानित बजट प्रदेश के लोगो के साथ सांझा करें और पुरानी पैंशन की मांग कर रहे कर्मचारियों को शपथ पत्र पर लिख कर दें। ऐसी प्रक्रिया कांग्रेस ही नहीं बल्कि सभी राजनैतिक पार्टियों के लिए जरूरी होनी चाहिए।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है। सोफत सोलन