*भारत_के_राजनेताओं_को_भी_पुर्तगाल_की_स्वास्थ्य_मंत्री_से_सीख_लेने_की_जरूरत* *लेखक महेंद्र नाथ सोफेत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
3 सितम्बर 2022– (#भारत_के_राजनेताओं_को_भी_पुर्तगाल_की_स्वास्थ्य_मंत्री_से_सीख_लेने_की_जरूरत)–
आज पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे का समाचार पढ़कर एक बार फिर देश के इतिहास मे दर्ज स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्री जी के त्यागपत्र की याद ताजा हो गई। जिन्होंने बतौर रेल मंत्री एक रेल दुर्घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए रेल मंत्री पद छोड़ दिया था। पिछले कल के समाचार पत्रों मे छपे समाचार के अनुसार पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टेमिडो ने पुर्तगाल मे गर्भवती भारतीय माहिला की मौत के बाद उसकी नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। घटना के अनुसार 34 वर्षीय भारतीय महिला को सैंटा मारिया अस्पताल से एंबुलेंस से एक अन्य अस्पताल ले जाया जा रहा था, क्योंकि अस्पताल मे नवजात देखभाल (नियोनेटोलाॅजी) सेवा मे जगह नहीं थी। इसी दौरान उस महिला को दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई। एक विदेशी महिला को लेकर दिखाई गई संवेदनशीलता अति प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। भारत मे न जाने सुविधाओं के आभाव मे कितनी जाने रोज चली जाती है।
कोरोना काल मे देश के सबसे बड़े प्रदेश से लेकर देश की राजधानी तक ऑक्सीजन की कमी के चलते मौतों की संख्या ही मीडिया की हैड लाइन बनाती रही। उत्तर प्रदेश से नवजात बच्चों की मौत के समाचारों ने तो देश को हिला कर रख दिया था, लेकिन कोई दुसरा लाल बहादुर शास्त्री सामने नहीं आया। आज देश मे संसाधनों की कमी नहीं है, लेकिन सरकारों को दो क्षेत्रों स्वास्थ्य और शिक्षा मे अधिक खर्च करने की जरूरत है। साथ ही इनके प्रबंधन को चुस्त-दुरूस्त करने की भी जरूरत है। इन दोनों क्षेत्रों मे निजी क्षेत्र का दखल अधिक बढ़ रहा है। दोनों ही क्षेत्रों मे निजी हाथों द्वारा आमजन का शोषण हो रहा है। खैर भले लाल बहादुर शास्त्री का नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए त्यागपत्र देना बीते कल की बात हो गई है लेकिन फिर भी आज के राजनेता पुर्तगाल की स्वास्थ्य मंत्री मार्टा टैमिडो के त्यागपत्र के निमित्त से भारत के उस महान सपूत को याद करते हुए शास्त्री और मार्टा से सीख जरूर ले सकते है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ फिर मिलते है।सोफत सोलन