Himachal

*हाईकोर्ट_ने_किए_आला_अधिकारी_तलब*

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14 अक्तूबर 2022- (#हाईकोर्ट_ने_किए_आला_अधिकारी_तलब)–
Bksood chief editor tct

प्रदेश हाईकोर्ट ने पहाड़ो पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण पर स्पष्टीकरण हेतु 17 अक्तूबर को मामले से जुड़े सभी आला अधिकारियों को हाईकोर्ट के समक्ष तलब किया गया है। असल मे कोर्ट की पिछ्ली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया था कि कुमारहट्टी के समीप बहुमंजिला इमारतों के निर्माण की जांच के लिए सयुंक्त कमेटी का गठन किया गया है। अदालत को यह भी बताया था कि कुमारहट्टी क्षेत्र को नजदीकी प्लानिंग क्षेत्र मे मिलाए जाने पर विचार किया जा रहा है। हाईकोर्ट के हस्तक्षेप का अभिनंदन है। असल मे प्राकृतिक सौंदर्य का जबरदस्त उपहार हिमाचल प्रदेश को प्रकृति से मिला हुआ है, लेकिन हम अपने निजी स्वार्थों के चलते यहां के प्राकृतिक पहाड़ो को कंक्रीट के पहाड़ो मे परिवर्तित कर रहे है। पहाड़ो पर अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण कर न केवल हम नियमों की अवहेलना कर रहे है अपितु प्राकृतिक उपहार को नष्ट कर बड़ा पाप कर रहे है। हिमाचल के निर्माता डॉ यशवंत सिंह परमार पहले से ही इसका अनुमान लगा चुके थे। इसीलिए उन्होने देवभूमि हिमाचल मे धारा 118 लागू की थी। इस धारा के अंतर्गत कोई भी गैर हिमाचली कृषक बिना सरकार की अनुमति के हिमाचल मे जमीन नहीं खरीद सकता। इसके लिए गैर कृषक को सरकार से जमीन खरीदने के लिए अनुमति लेना अनिवार्य है।

अब सवाल उत्पन्न होता है कि क्या पहाड़ो को कंक्रीट के जंगल मे हिमाचल के स्थानीय लोग परिवर्तित कर रहे है। मेरी सूचना के अनुसार यह सब करने मे हिमाचल के गरीब लोग असमर्थ है। हिमाचल को कंक्रीट के जंगल मे परिवर्तित करने का काम बाहर के प्रदेशों के लोग कर रहे है। उनकी मदद नेता, अधिकारी और जमीन जायदाद के दलाल कर रहे है। इसके चलते ही हिमाचल मे फ्लैट कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। सरकार भी किसी क्षेत्र को प्लानिंग क्षेत्र मे लाने का निर्णय तब लेती है जब वहां अंधाधुंध और बेतरतीब निर्माण हो चुका होता है। हिमाचल मे बाहर के लोगो की दिलचस्पी और यहां की जमीन-जायदाद मे निवेश के चलते यहां जमीनो की कीमते आसमान छू रही है। एक पुख्ता जानकारी के अनुसार आज सोलन नगर निगम मे शामिल हुए नए क्षेत्रों मे सड़क पर जमीन के भाव एक करोड़ से दो करोड़ प्रति बीघा पहुंच चुके है। एक बात यहां बतानी जरूरी है पैसे और प्रभाव के चलते धारा 118 निष्क्रिय होकर रह गई है। इससे केवल पुश्त दर को परेशानी हो रही है। पैसे वालो को यह धारा यह धारा पहाड़ो को कंक्रीट के जंगल मे परिवर्तित करने से रोक नही पा रही है। अब कोर्ट ने अधिकारियो तलब किया है तो सकारात्मक परिणाम की उम्मीद है।आज इतना ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

Mohinder Nath Sofat

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