*गोलोक एक्सप्रेस में आइए दुख दर्द भूल जाइए एबीसीडी की भक्ति में लीन होकर नित्य आनंद पाइए*
गोलोक एक्सप्रेस में आइए दुख दर्द भूल जाइए एबीसीडी की भक्ति में लीन होकर नित्य आनंद पाइए
प्रिय पाठको
पिछले लेख में हमने आध्यात्मिक जीवन के चार स्तंभों में से प्रथम स्तंभ सत्संग और सत्संग खासकर ऑनलाइन सत्संग हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है , कैसे हमारे विचारों में , हमारी वाणी में शुद्धता आती है, सत्संग प्रभु श्री हरि से कैसे हमारा संबंध मजबूत करता है, और हम असीम शांति को अनुभव करते हैं , के बारे में विस्तार से चर्चा की थी | आज हम आध्यात्मिक जीवन की दूसरे स्तंभ यानी साधना के बारे में चर्चा करेंगे….
साधना :-
यह एक व्यक्ति का अपना आध्यात्मिक अभ्यास है जो आमतौर पर वह अपने व्यक्तिगत समय में करता है | साधना करने के कई तरीके हैं जैसे कि जप करना, शास्त्रों का अध्ययन करना, प्रभु के लिए भोग बनाकर प्रसाद ग्रहण करना या सपरिवार प्रार्थना या फिर कीर्तन करना आदि | हमें अपनी विनाशकारी गतिविधियों को अपने पसंदीदा व विविध भक्ति से जुड़ी गतिविधियों से बदलने का प्रयास करना चाहिए | साधना का शाब्दिक अर्थ होता है अपने मन को किसी भी वांछनीय बात की ओर आगे बढ़ने के लिए प्रशिक्षित करना | ज्यादातर समय हमारा मन एक बेकाबू जंगली घोड़े की तरह काम करता है जो कि हमें सबसे वांछित कार्य करने की अनुमति नहीं देता है बल्कि हमें विनाशकारी गतिविधियों की ओर मोड़ता रहता है| जब हम लगातार आध्यात्मिक अभ्यास करते हैं चाहे हमारा मन इसमें लगे या नहीं तब हम इस जंगली घोड़े को प्रशिक्षित और नियंत्रित कर सकते हैं | आमतौर पर भक्ति के पथ पर चलने वाला एक नव साधक भक्ति को अपनी नित्य दिनचर्या में शामिल करने में सक्षम नहीं हो पाता है और समय की कमी के बारे में शिकायत करता है लेकिन वास्तव में यह हमारा मन ही है जो हमें बहला रहा है क्योंकि मन बहुत चंचल है और इसे भक्ति से जुड़ी गतिविधियों को करने में कोई दिलचस्पी नहीं है लेकिन एक बार जब हम लगातार साधना करके अपने मन को प्रशिक्षित करते हैं फिर हमारा मन भक्ति और समाज सुधार से संबंधित गतिविधियों में लगने लगता है | इन कार्यों में हमें रुचि भी आने लगती है |
प्रिय पाठको अगले लेख में हम साधना कैसे करें , के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे साधना भक्तों की रुचि अनुसार अलग अलग तरीके से की जा सकती है जैसे कि माला जाप, आरती करना , भगवान को भोग लगाना, धाम यात्रा करना , तन मन धन से प्रभु श्री हरि की सेवा करना इत्यादि|
अगर आप भी हमारी तरह घर बैठे बैठे सत्संग श्रवण कर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं तो यूट्यूब पर गोलोक एक्सप्रेस चैनल को सब्सक्राइब कीजिए| आपको सोमवार से शुक्रवार सुबह 5:30 से 6:30 a.m. लाइव सत्संग मिलेगा,जिसमें सोमवार को महान कवियों द्वारा रचित दोहों की व्याख्या की जाती है, मंगलवार को रामायण की कथा तथा बुधवार, वीरवार और शुक्रवार को श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन करवाया जाता है तथा शनिवार और रविवार को रात 8:00 बजे समग्र शिक्षा के ऊपर सत्संग करवाया जाता है |
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