Himachalदेशपाठकों के लेख एवं विचार

*सुन_चंपा_सुन_तारा_कौन_जीता_कौन_हारा*

1 Tct

25 नवम्बर 2024-(#सुन_चंपा_सुन_तारा_कौन_जीता_कौन_हारा)–

Tct chief editor

महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव के शोर के बीच वायनाड लोकसभा उप-चुनाव की चर्चा दब कर रह गई है। इस चुनाव की अधिक चर्चा न होने का एक यह भी कारण है कि पहले से कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की जीत तय मानी जा रही थी। जब उन्होंने वायनाड का उप-चुनाव लड़ने का निर्णय लिया तो यह तय हो गया था कि वह संसद मे एक साथ बैठने वाली गांधी परिवार की तीसरी सदस्य होंगी। खैर वायनाड से 4 लाख से अधिक मतों से जीत कर प्रियंका गांधी संसद मे पहुंच गई है। इसके साथ ही एक नया इतिहास रचा गया है कि जब एक समय मे मां, बेटा और बेटी संसद सदस्य होगें। स्मरण रहे सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा सदस्य है तो राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते है और प्रियंका गांधी वायनाड की सांसद बन लोकसभा पहुंच गई है। मुझे लगता है कि अब परिवारवाद पर बहस बेमानी हो गई है और देश के मतदाताओ ने ही परिवारवाद को स्वीकार कर लिया है। भाजपा जो हर चुनाव मे परिवारवाद को मुद्दा बनाती रही है। हाल ही मे सम्पन्न चुनाव हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड मे इस मुद्दे पर मौन रही। मेरी समझ मे भाजपा के मौन का कारण था उसने भी टिकट आबंटन के समय परिवारवाद से समझौता किया था। क्षेत्रीय पार्टियां पहले से ही परिवारवाद से ग्रस्त है। कांग्रेस भी पहले से ही परिवारवाद के रिकॉर्ड बनाती रही है। हिमाचल मे भी कांग्रेस ने ही पहली बार एक साथ पिता-पुत्र वीरभद्र और विक्रमादित्य को विधायक बना कर नया इतिहास बनाया था। अब वर्तमान मे पति-पत्नी सुखविंदर सिंह सुख्खू और कमलेश ठाकुर को विधानसभा का सदस्य बना कर नया रिकार्ड बना दिया है।

प्रियंका गांधी अब कांग्रेस की स्टार प्रचारक और संकट मोचक के बाद एक सांसद के तौर पर अपनी पारी शुरू करेंगी। मेरी समझ मे अब राजनैतिक विश्लेषको की नजर उनकी बतौर सांसद उनकी परफॉर्मेंस पर होगी। एक बात और भविष्य के गर्भ मे है कि क्या प्रियंका अपने भाई राहुल की पूरक होगी या भाई-बहन मे राजनैतिक प्रतिस्पर्धा शुरू हो जाएगी। कांग्रेस के बीच प्रियंका के समर्थको और प्रसंशको की अलग से एक बड़ी संख्या है। यह समर्थक प्रियंका गांधी मे इंदिरा गांधी का अक्स देखते है और वह लम्बे समय से उनके चुनावी राजनीति मे उतरने की आस लगाए हुए थे। हालांकि सोनिया गांधी चाहती है कि कांग्रेस का नेतृत्व राहुल गांधी के पास ही रहे और प्रियंका गांधी केवल सहयोगी की भूमिका मे रहे, लेकिन वक्त बहुत बलवान और परिवर्तनशील है। इसके अतिरिक्त यह बात भी दर्ज करने काबिल है कि प्रियंका के पति राबर्ट बाड्रा बहुत महत्वाकांशी है। अब देखना होगा कि वह प्रियंका को सांसद बना कर ही सन्तोष कर लेते है या अपने और प्रियंका के लिए किसी बड़ी भूमिका का ताना- बाना बुनते है।

#आज_इतना_ही।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button