*बद्दी_मे_एक_करोड़_से_अधिक_की_नकली_दवाएं_पकड़ी_गई*
25 नवम्बर 2022– (#बद्दी_मे_एक_करोड़_से_अधिक_की_नकली_दवाएं_पकड़ी_गई) –
#औद्योगिक_क्षेत्र_बद्दी_मे राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण ने नकली दवाईयों की एक बड़ी खेप पकड़ी है। बद्दी औद्योगिक क्षेत्र से दवाइयों के सैंपल फेल होना, बिना लाइसेंस दवाईयां बनाना और नकली दवाईयां पकड़े जाना यह आम बात है। अभी पिछले मास पहले भी नकली दवाई बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने का समाचार आया था, लेकिन सबसे बड़ी बात है हमारी सरकार इसको रोकने के लिए पूरी तरह असफल है। इस बार पकड़ा गया आरोपी उत्तर प्रदेश का रहने वाला है जो कि नामी कंपनीज के नाम पर बद्दी मे दवा बना कर बेचने का काम करता था। मुख्य आरोपी के साथ दो अन्य लोगो को भी पकड़ा गया है। आगरा मे आरोपियो का अपना मेडीकल स्टोर है। जहां पर इन दवाओं को बेचा जाता था। यह लोग नामी कंपनीज के नाम से जिनमे सिपला, इपका और यू एस वी कंपनीज की दवाईयां तैयार करते थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक करोड़ से अधिक की नकली दवाईयां बरामद की गई है। स्मरण रहे सितंबर के बाद नकली दवाईयां पकड़े जाने की यह तीसरी कार्यवाई है।
#मेरे_विचार_मे नकली दवा बेचना जहर बेचने के बराबर है, क्योंकि जहर खा कर भी आदमी मर जाता है और नकली दवा खा कर भी मरने की ही संभावना है। दवाई उद्योग से जुड़े हुए अपने दोस्तों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सारा दवाई कारोबार व्यवसायियों, डॉक्टरों और ड्रग्स विभाग के अफसरों की मिलीभगत से चलता है। मुझे यह नहीं समझ आता जब यह नकली दवाईयां बनाई जा रही होती है उस समय सरकारी अफसर और सरकारी ऐजेन्सियां क्या कर रही होती है। क्या इन अफसरों को इस प्रकार की गैर कानूनी गतिविधियों पर नजर नहीं रखनी चाहिए। इसके अतिरिक्त इस प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए पकड़े गए अपराधियों को कठोर सजा देना जरूरी है। अभी तक की बिडम्बना है कि कुछ दोषियों को पकड़े जाने की खबरें तो आती है लेकिन बाद मे उनका क्या हुआ सजा हुई या नहीं कोई खबर नहीं आती। मेरी समझ मे ऐसे लोगों को कठोर सजा भी मिलनी चाहिए और उस सजा का खूब प्रचार भी होना चाहिए ताकि बाकि लोगों को सबक मिल सके।
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#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।