*#सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-* by MN Sifat*
16 दिसंबर 2022- (#सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-
#कल_से_आगे- पिछले कल के ब्लॉग मे मैने ठाकुर जय राम सरकार पर टिप्पणी की थी, लेकिन किसी चुनाव की जीत-हार मे जितनी भूमिका सरकार की रहती है उतनी ही भूमिका पार्टी के संगठन की होती है। यह सच्चाई है कि भाजपा का संगठन तुलनात्मक दृष्टि से अन्य पार्टियों के संगठनों से अधिक संगठित और चुस्त-दुरूस्त है। यह पार्टी 365 दिन 24 घण्टे सक्रिय रहती है। कभी-कभी तो यह जरूरत से अधिक सक्रिय दिखाई देती है।भाजपा का कार्यकर्ता पूरी तरह पार्टी संगठन और विचारधारा के प्रति समर्पित माना जाता है।भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को हमेशा काम मे व्यस्त रखती है। कभी तो इस व्यस्तता के कारण पार्टी के कार्यकर्ता अपने आप को थका हुआ भी महसूस करने लगते है। खैर भाजपा का दावा है कि वह दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। पार्टी के नेताओं को इस बात का गर्व है और वह अपने को संगठन शिल्पी जैसी उपमाओ से अलंकृत करवा कर खुश रहते है। अब तो भाजपा मे संगठन शिल्पियों और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञों की भी एक क्लास है। इन्ही संगठन शिल्पियों और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञों के पास संगठन और चुनाव प्रबंधन का काम रहता है।
भाजपा के नेताओं का दावा है कि पिछले दो दशकों मे भाजपा संगठन का बहुत विस्तार किया गया है। हमारे समय मे 5 या 7 लोगो की एक बूथ कमेटी ही निचले पायदान की ईकाई हुआ करती थी, लेकिन अब हर बूथ पर एक त्रिदेव और पन्ना प्रमुखों की रचना की गई है। त्रिदेव मे बूथ अध्यक्ष, बूथ पालक और वी एल ए शामिल है। मेरी समझ के अनुसार हर बूथ की लगभग 10 से 15 पन्नो की वोटर लिस्ट होती है। औसतन हर बूथ पर 10 और जो बड़े बूथ है पर 15 पन्ना प्रमुखों की तैनाती की गई है। भाजपा ने अपनी ओर से बूथ को पुरी तरह सशक्त किया है। लगभग 20 कार्यकर्ताओं की बूथ टीम के अतिरिक्त वन बूथ पर टेन यूथ की तैनाती और 10 महिला कार्यकर्ताओं की तैनाती भी की गई। संगठन का दावा था कि हमने ऐसा संगठन कवच तैयार कर दिया है कि इसे कोई भी भेद नहीं सकता। इतना जबरदस्त सुरक्षा घेरा फिर भी हार, इसकी भी समीक्षा जरूरी है। उम्मीद है पार्टी इसकी समीक्षा करेगी।
#आज_इतना_ही हम कल संगठन के विवेचनात्मक परिक्षण के साथ मिलते है।