*सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-* महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश*
17 दिसंबर 2022- (#सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-
पिछले भाजपा संगठन पर टिप्पणी की तो पाठको ने भी उस पर अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की है। उनका अवलोकन अपने विवेचनात्मक परिक्षण मे शामिल करते हुए बात को आगे बढ़ाते है। संगठन के विस्तार और कार्यकर्ताओं की फौज पर संगठन के नेताओ को गर्व होना स्वाभाविक था, लेकिन गर्व और अहंकार मे केवल बाल बराबर अन्तर रहता है। विनम्रतापूर्वक यह बात कह रहा हूँ कि संगठन के प्रमुख और कार्यकर्ताओं को संगठन की शक्ति पर अहंकार हो गया है। कहा जाता है कि संगठन के एक सर्वोच्च अधिकारी ने तो यहां तक कह दिया था कि कोई कार्यकर्ता पार्टी छोड़कर जाना चाहता है तो सहर्ष जा सकता। हम उसकी ससम्मान विदाई करेगें। पार्टी के पुराने कार्यकर्ता अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। हालांकि उपचुनावों मे मिली हार के बाद उम्मीद थी संगठन अपने स्तर पर योजना बना कर पुराने कार्यकर्ताओं को सक्रिय करेगा और उनकी अनदेखी का दौर समाप्त होगा, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। संगठन अति सक्रिया रहा और विवेचना के बाद एक बात ध्यान मे आती है कि बार-बार बैठके और कार्यक्रम तो किए जाते रहे परन्तु उस मे वही कार्यकर्ता बार- बार हिस्सा लेते थे। सरकार के काम या पार्टी के कार्यक्रम पार्टी के कार्यकर्ताओं तक ही सीमित रहे। वह आम- जन तक नहीं पहुंच सके। पार्टी ने बड़े कार्यक्रम और समारोहों का आयोजन किया तो दभीं होने का सन्देश जनता मे गया, जिसका नकारात्मक असर हुआ।
जिस दिन सोलन के प्रत्याशी बाजार मे विनम्रतापूर्वक वोट का निवेदन कर रहे थे तो उनके आगे कुछ अति उत्साही महिला कार्यकर्ता नाटी डाल रही थी। जिस कारण वोट मांगने के विनम्रतापूर्वक अभियान की गरिमा कम हो रही थी। आपका अति उत्साह कभी-कभी नकारात्मक सन्देश देने लगता है। कथन है कि अति तो हर बात की बुरी होती है। चुनाव से पहले सरकारी तंत्र की सहयता से बड़े-बड़े सरकारी कार्यक्रम किए गए। उन कार्यक्रमों मे लाभार्थी अधिक संख्या मे शामिल हुए, उन कार्यक्रमों मे उमड़ी भीड ने कार्यकर्ताओं को भ्रमित कर दिया और वह अति आत्म-विश्वास से ग्रस्त हो कर अपने को जीता हुआ मानने लगे। वैसे भी अब जमीन पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं की तुलना मे सैल्फी कार्यकर्ताओं की संख्या अधिक हो गई है। खैर पार्टी जब भी संगठन की समीक्षा करे तो इस बात की समीक्षा ही नही अपितु जांच होनी चाहिए कि संगठन शिल्पी जो बूथ पर शक्तिशाली सेना होने का दावा कर रहे है क्या वह दावा सच है या फर्जी ।
#आज_इतना_ही कल फिर बात को आगे बढ़ाते हुए मिलते है।