*#सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा* *लेखक: महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
19 दिसंबर 2022- (#सुन_चंपा_सुन_तारा #कौन_जीता_कौन_हारा)-
चुनाव मे प्रत्येक पार्टी अपना घोषणापत्र घोषित करती है। इस बार कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र को दस गारंटियां देकर गारंटी पत्र की संज्ञा दी तो भाजपा ने अपने घोषणापत्र को दृष्टिपत्र कहा। कांग्रेस की दस गारंटियों मे से चार की चुनाव मे खूब चर्चा थी। वह थी ओ.पी.एस लागू करना, 300 यूनिट बिजली मुफ़्त, एक लाख सरकारी नौकरियां और 1500 रूपए प्रत्येक महिला को मासिक भत्ता। दूसरी तरफ भाजपा ने भी दृष्टिपत्र ड्राफ्ट के लिए पूर्व शिक्षाविद और वर्तमान मे राज्यसभा सदस्य सिकंदर कुमार के नेतृत्व मे 25 सदस्यीय कमेटी का गठन किया। इस कमेटी ने विभिन्न विषयों के लिए उप- समितियां बनाई और जिला प्रभारी बनाए। इस हाई- प्रोफाईल कमेटी ने हिमाचल के नागरिकों से भी दृष्टिपत्र के लिए सुझाव देने का आग्रह किया ताकि उनकी दृष्टि को दृष्टिपत्र मे शामिल किया जा सके। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कमेटी को 25000 सुझाव प्राप्त हुए, लेकिन विडंबना रही कि इतनी बड़ी कवायद के बावजूद भाजपा के दृष्टिपत्र की चुनाव मे कोई खास चर्चा सुनाई नहीं दी।
दृष्टिपत्र मे मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए छात्राओं को मुफ़्त मे साईकल और स्कूटी देने की बात कही गई। सोशल नेटवर्किंग पर इसकी यह तर्क देकर आलोचना की गई कि भाजपा रेवड़ियां बांटने का विरोध करती है और फिर स्वयं रेवड़ियां बांटने की बात कर रही है। दुसरे हिमाचल के बड़े हिस्से की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जहां साईकल चलाई ही नहीं जा सकती। दृष्टिपत्र मे 5 नये मेडिकल कॉलेज खोलने की बात की गई जिसके बारे मे लोगो की टिप्पणी थी कि पहले जो प्रदेश मे चल रहे सात मेडिकल कॉलेज, उनमे तो सरकार शिक्षक उपलब्ध करवाए। दृष्टिपत्र की हवा केन्द्रीय मंत्री के इस ब्यान से भी निकल गई जब उन्होने ओ पी एस की मांग कर रहे कर्मचारियों से कहा कि आप हमारे दृष्टिपत्र की इन्तजार करे हम ओ पी एस के विषय मे बड़ी बात कहने वाले है। कर्मचारी केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर की बात पर विश्वास कर दृष्टिपत्र का इतंजार करने लगे लेकिन जब दृष्टिपत्र आया तो उस मे ओ.पी.एस के विषय मे कोई भी पुख्ता वायदा नहीं था। इसके बाद कर्मचारियों मे निराशा का सन्देश गया और इससे भाजपा को चुनाव मे नुकसान हुआ। कुल मिला कर मेरे विचार मे चुनाव मे कांग्रेस का गारंटी पत्र भाजपा के दृष्टिपत्र पर भारी पड़ा।
#आज_इतना_ही कल फिर बात को आगे बढ़ाते हुए मिलते है।