*अदानी_ग्रुप_ने_अम्बुजा_सीमैंट_दाड़लाघाट_व_ए_सी_सी_बरमाणा_प्लांट_किए_बंद)-* महेंद्र नाथ सोफत*
24 दिसंबर 2022- (#अदानी_ग्रुप_ने_अम्बुजा_सीमैंट_दाड़लाघाट_व_ए_सी_सी_बरमाणा_प्लांट_किए_बंद)-
ज्ञात रहे अदानी ग्रुप ने कुछ ही समय पहले अम्बुजा सीमैंट और ए.सी.सीमैंट का अधिग्रहण किया है। अब इसका प्रबंधन गौतम अदानी के पास है। जब से अदानी ग्रुप ने अपने दाड़लाघाट और बरमाणा के प्लांट बंद किए है तब से इन प्लांटो मे काम कर रहे कर्मचारियों, ट्रक मालिकों और ट्रक चालकों मे हडकंप मच गया है। एक आंकलन के अनुसार दाड़लाघाट और बरमाणा के सीमैंट प्लांट बंद होने के चलते लगभग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 30000 लोगो का कारोबार प्रभावित हुआ है। इन प्लांट के बंद करने के पीछे की क्या पृष्ठभूमी है वह पूरी तरह साफ नहीं है। यह कहना कि ट्रांसपोर्ट के रेटो के चलते प्लांट चलाना लाभप्रद नहीं है। यह बात कुछ समझ नहीं आ रही है। जब अदानी ग्रुप ने इन दोनों उद्योगों का अधिग्रहण किया तो निश्चित तौर पर उन्होने इनकी बैलेंसशीट का अवलोकन किया होगा। उस समय यदि उद्योग बैलेंसशीट मे घाटे मे था तो अदानी की क्या मजबूरी थी अधिग्रहण करने की।
स्मरण रहे अदानी के अधिग्रहण करने के बाद रेट नहीं बढें है। एक और प्रश्न प्लांट बंद करने के समय को लेकर भी है। सर्वविदित है कि हिमाचल मे नई सरकार आई है। अभी तो न मंत्रिमंडल बना है और न ही उद्योग मंत्रालय किसी को दिया गया है। अच्छा होता कि अदानी प्रबंधन जो ट्रांसपोर्ट रेट कम करने की बात कर रहे है उसका प्रतिवेदन नई सरकार को देते या ट्रांसपोर्टरो से बातचीत कर हल निकालते। पहले प्लांट बंद फिर बातचीत इसमे सीधे तौर पर दबाव की रणनीति दिखाई देती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अदानी ग्रुप हिमाचल मे सीमैंट के रेट बढ़ाने जा रहा था। खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री जी ने अधिकारियों को अदानी ग्रुप से रेट न बढ़ाने के लिए बात करने के निर्देश दिए थे। यह भी चर्चा है कि कहीं यह निर्देश भी प्लांट बंद करने की पृष्ठभूमी का हिस्सा तो नही है। खैर अब जिलाधीश स्तरीय बातचीत के असफल होने के बाद शिमला मे उच्चस्तरीय अधिकारियों से बातचीत हो रही है। मेरे विचार मे इस सारे मामले मे सरकार पहले चरण मे एक मध्यस्थ की भूमिका अदा करे और अदानी ग्रुप प्रबंधन से प्लांट तुरंत शुरू करने के लिए कहे। उसके बाद दोनो पक्षों से बात कर स्थाई हल ढूंढा जाए। मेरी समझ मे यदि यह सारा विवाद कानूनी लड़ाई मे फंस जाएगा तो यह विवाद लम्बा होगा और इसका सीधा नुकसान जहां इस उद्योग पर आश्रित परिवारों का होगा वहीं अदानी कंपनी और सरकार का भी होगा।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।