Mandi/ Palampur/ Dharamshala

‌*पालमपुर में खंड विकास कार्यालय और चचियां में उप तहसील को बंद करने पर पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने जताया रोष*

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‌*पालमपुर में खंड विकास कार्यालय और चचियां में उप तहसील को बंद करने पर पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीण कुमार ने जताया रोष*

Anil sood tct Sr.Executive Editor

‌पालमपुर में खंड विकास कार्यालय और चचियां में उप तहसील खोले जाने की मांग को लेकर बतौर मुख्यमंत्री श्री जयराम ठाकुर जी ने पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार को लिखे अपने अर्ध शासकीय पत्र सं० सचिव मु ० म० – क / 191920 दिनांक 27 दिसंबर 2019 के तहत संबंधित विभागों से लंबा चौड़ा अध्ययन करवाने के उपरांत ही पालमपुर विधानसभा क्षेत्र की चिरकाल से चली आ रही मांगों को पूरा किया था । पूर्व विधायक प्रवीन कुमार का रोष भरे लहजे में कहना कि अव इन दोनों विभागों ने बहुत बढ़िया ढंग से काम करना शुरू कर दिया था लेकिन जब से श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री की शपथ ली है विना मंत्रीमंडल के तव से पूर्वाग्रह से ग्रस्त यह सरकार निवर्तमान श्री जयराम सरकार के कार्यकाल में खोले गये एक के बाद एक कार्यालयों को रोजाना आदेश जारी करके बंद कर रही है । इसी कड़ी में पिछले कल नव वर्ष की पूर्व संध्या पर इस सरकार ने खण्ड विकास कार्यालय पालमपुर को भी बन्द करने का फरमान जारी कर दिया । जव कि इससे पहले चचियां उप तहसील कार्यालय , बनूरी स्थित जल शक्ति विभाग का उप मण्डलीय कार्यालय व मतेहड में आयुर्वेदिक डिस्पैन्सरी में ताला जड़ दिया गया है । पूर्व विधायक ने कहा आज नववर्ष की जहां पंचायत प्रतिनिधियों को मुबारक दी जा रहीं थी तो वे बेहद निराश मन से प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि एक तरफ पूर्व मुख्यमन्त्री श्री जय राम ठाकुर जी ने हमारी पीडा को समझ कर हमें तीन तीन खंड विकास कार्यालयों भवारना , पंचरुखी व बैजनाथ का दरवारी बनने से छुटकारा दिलाया जव कि नये मुख्यमन्त्री श्री सुखविन्दर सिंह सुक्खू जी ने नववर्ष का हम पालमपुर वासियों को तोहफा देकर पालमपुर खण्ड विकास कार्यालय को भी बन्द करने का फरमान जारी कर दिया । पूर्व विधायक ने स्थानीय विधायक से कहा है कि इतना बड़ा कहर आपकी सरकार द्वारा पालमपुर वासियों के ऊपर ढहाया जा रहा है ओर आपने चुप्पी साधी हुई है जव कि जव ये कार्यालय खोले गये थे तो आपने भी श्रेय लेने का कथित प्रयास कर इन मांगो के बारे में मुख्यमन्त्री को पत्र लिखे जाने की बात कही थी ऐसे में पूर्व विधायक ने तत्कालीन मुख्यमन्त्री के जवाब को सार्वजनिक करते हुए स्थानीय विधायक से भी अपने पत्र को सार्वजनिक करने के लिए कहा है ।

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