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* मां का दर्द * भूपेंद्र नेगी IPS*

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* मां का दर्द *

वो क्या जाने मां का दर्द ..
भूल गया तु मां का आँचल ..
नौ माह पाला कोख मे जिसको …
भूल गया तु मां का आँचल ..
ढूध पिला कर पाला जिसको ..
भूल गया तु मां का आँचल ..
अपनी ख़ुशी लूटा दी जिसपर …
भूल गया तु मां का आँचल …
कैसे कैसे पाला जिसको ..
भूल गया तु मां का आँचल ..
हर वक्त क्यो है रहता नशे मे .?
क्या भूल गया तु मां का आँचल ..
हर पल रोती बिलखती तेरी मां ..
क्या भूल गया तु मां का आँचल ..
हर पल मरती रहती मां ..
क्या भूल गया तु मां का आँचल ..
छोड़ नशे को मां की खातिर
क्या भूल गया तु मां का आँचल …
किस किस को दुखड़ा सुनाये तेरी मां ..
क्या भूल गया तु मां का आँचल ..
चल लग जा गले अपनी मां के ..
क्यो भूल गया तु मां का आँचल
मां तो आखिर मां होती है ..
क्या भूल गया तु मां का आँचल ..
क्या भूल गया तु मां का आँचल ।

*भूपेंद्र नेगी* 03.01.2023

नशे मे डूबे हुए बच्चो और हर मां की दर्द भरी दास्तां..

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