*केंद्र की ‘नोटबंदी’नीति सही. ‘सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दी क्लीनचीट*
*केंद्र की ‘नोटबंदी’नीति सही. ‘सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को दी क्लीनचीट*
केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। पांच जनों की संविधान पीठ ने सोमवार को यह फैसला सुनाया बेंच ने कहा कि 500 और 1000 नोट बंद करने की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। बेंच ने यह भी कहा कि आर्थिक फैसले को पलटा नहीं जा सकता। संविधान पीठ ने यह फैसला चार-एक के बहुमत से सुनाया। पांच जजों की संविधान पीठ में जस्टिस एस अब्दुल नजीर बीआर गवई, एएस बोपन्ना वी रामब्रमण्यम और जस्टिस बीधी नागरजा शामिल थे। इनमें से जस्टिस बीवी नागरला ने बाकी चार जजों की राय से अलग फैसला लिखा। उन्होंने कहा कि नोटबंदी का फैसला गैरकानूनी उन्होंने कहा ये ताकत का इस्तेमाल, जिस तरह इसे लागू किया, वो कानूनन सही नहीं।
2016 में विवेक शर्मा ने याचिका दाखिल कर सरकार के फैसले को चुनौती दी। इसके बाद 57 और याचिकाएं दाखिल की गई। शुरूआत में इससे जुड़ी तीन याचिकाओं पर ही सुनवाई हो रही थी। बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई हुई। 16 दिसंबर 2016 को ही ये केस संविधान पीठ को सौंपा गया था.।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने कहा कि यह जाली करेंसी, टेरर फंडिंग काले धन और कर चोरी जैसी समस्याओं से निपटने की प्लानिंग का हिस्सा और असरदार तरीका था।