Mandi/ Palampur/ Dharamshala

*जानवरों और पक्षियों के पोस्टमार्टम में तकनीकी हस्तक्षेप महत्वपूर्ण: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी*

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जानवरों और पक्षियों के पोस्टमार्टम में तकनीकी हस्तक्षेप महत्वपूर्ण: कुलपति प्रो.एच.के.चौधरी
पशु-परीक्षा निदान के साथ पशु कानूनी जांच पर जोर पर पुनश्चर्या पाठ्यक्रम का उद्घाटन
पांच दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स में पहुंचे प्रदेश के 25 पशु चिकित्सक
पालमपुर, 16 जनवरी। चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के डा.जी.सी.नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय में कुलपति प्रो एच.के.चौधरी ने सोमवार को पोस्टमार्टम डायग्नोसिस विद जोर ऑन वेटरलीगल इन्वेस्टिगेशन पर पांच दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स का उद्घाटन किया।
कुलपति ने प्रशिक्षुओं और अन्य वैज्ञानिकों को संबोधित करते हुए कहा कि जानवरों और पक्षियों के पोस्टमार्टम में तकनीकी हस्तक्षेप महत्वपूर्ण हो गया है। उन्होंने अपनी पीड़ा व्यक्त की कि समाज ने जानवरों के लिए प्यार और देखभाल खो दी है। उन्होंने कहा कि सड़कों पर छोड़े गए मवेशी पशुपालकों के स्वार्थ की कहानी कहते हैं। उन्होंने प्रशिक्षुओं और वैज्ञानिकों से इस मुद्दे को हल करने में मदद करने के लिए गंभीरता से विचार करने को कहा। कुलपति ने अप्रशिक्षित और अकुशल लोगों द्वारा कृत्रिम गर्भाधान को सख्ती से नियंत्रित करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि इसने परित्यक्त मवेशियों की समस्या को और बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि पशु चिकित्सकों को पोस्टमार्टम करते समय नमूना संग्रह चरण से लेकर वैज्ञानिक और कानूनी रिपोर्ट लेखन तक में सावधानी बरतनी चाहिए। किसानों, पशुओं की बीमारी की जांच आदि की जांच की और उम्मीद जताई कि पशु चिकित्सा अधिकारी उपयोगी जानकारी देंगे। प्रो चौधरी ने विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके सभी प्रशिक्षुओं से पशु चिकित्सा महाविद्यालय में प्रशिक्षण अतिथि गृह जैसी नई सुविधाओं के निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण में सहयोग करने को भी कहा। उन्होंने पाठ्यक्रम से संबंधित एक पुस्तिका का विमोचन भी किया।
महाविद्यालय के अधिष्ठाता डा. मनदीप शर्मा ने प्रशिक्षुओं को अपने क्षेत्र के अन्य पशु चिकित्सकों के लिए मास्टर ट्रेनर बनने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि फील्ड पशु चिकित्सकों के कौशल के उन्नयन के लिए निरंतर पशु चिकित्सा शिक्षा महत्वपूर्ण है। पाठ्यक्रम निदेशक डॉ. आर.के. असरानी ने बताया कि यह इस श्रृंखला का दूसरा पाठ्यक्रम है जिसमें राज्य पशुपालन विभाग के 25 पशु चिकित्सा अधिकारी इसमें भाग ले रहे हैं। डॉ. राकेश कुमार और आरडी पाटिल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।उद्घाटन समारोह में विश्वविद्यालय के संविधिक अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के अलावा राज्य पशुपालन विभाग के सहायक निदेशक डॉ. संदीप मिश्रा ने भी भाग लिया।

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