*प्रधानमंत्री_का_अब_2024_पर_है_फोकस* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
08 फरवरी 2023- (#प्रधानमंत्री_का_अब_2024_पर_है_फोकस)-
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी राजनिति के बड़े खिलाड़ी है। चुनाव छोटा हो या बड़ा वह बड़ी तैयारी करते है। जब सचिन तेंदुलकर अपनी क्रिकेट के चरम पर थे तो उनसे एक पत्रकार ने बल्लेबाजी मे उनकी सफलता का कारण पूछा तो सचिन का जवाब था कि मै बल्लेबाजी करते समय गेंद के सिवाय कुछ नहीं देखता हूँ। एकाग्रता ऐसी कि आप बाकी सारी चीजों से बेपरवाह हो जाए। ठीक ऐसा ही नरेंद्र मोदी के बारे मे कहा जा सकता है कि चुनाव आते ही वह एकाग्रचित हो कर चुनाव जीतने की रणनीति पर काम करते है। सचिन को मैच मे गेंद दिखाई देती थी तो नरेंद्र मोदी को चुनाव मे वोट दिखाई देते है। इस बार के लोकसभा चुनाव जीतने की रणनीति मे मुस्लिम मतदाताओं को भी शामिल किया जा रहा है। इस रणनीति के संकेत स्वयं प्रधानमंत्री जी ने दिए है। भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारणी मे प्रधानमंत्री ने सदस्यों से आह्वान करते हुए कहा है कि पार्टी को मुस्लिम समुदाय मे पैठ बनाने के लिए काम करना चाहिए। एक जानकारी के अनुसार पार्टी ने ऐसी 60 लोकसभा सीटों की पहचान कर ली है जहां वह मुस्लिम समुदाय को जोड़ने का काम करेगी। पार्टी मुस्लिम समुदाय को जोड़ने का प्रयास जरूर करेगी लेकिन वह अल्पसंख्यक तुष्टीकरण का विरोध जारी रखेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पहले से ही राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के माध्यम से मुस्लिम समुदाय मे काम कर रहा है और उन्हे यह विश्वास दिला रहा है कि हम यदि तुष्टीकरण के खिलाफ है तो किसी धर्म या सम्प्रदाय के नाम पर प्रताड़ना के भी खिलाफ है।
मेरी समझ मे जैसे क्रिकेट मे हर गेंद रन दिलाती है वैसे ही चुनाव मे हर वोट जीत दिलाती है फिर वह चाहे वोट हिन्दु का हो या मुसलमान का हो। एक आंकलन के अनुसार तीन तलाक के मुद्दे के कारण मुस्लिम महिलाओ॔ का समर्थन भाजपा को पहले ही मिल रहा है। इस तरह की रणनीति और प्रबंधन के चलते बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के बावजूद भी भाजपा को 2024 मे लगातार तीसरी जीत की उम्मीद है। मेरे विचार मे भाजपा की इस उम्मीद की सबसे बड़ी ताकत कमजोर और बिखरा हुआ विपक्ष है। फिलहाल राहुल की पदयात्रा भी कोई चमत्कार करती दिखाई नहीं दे रही है। मोदी की मुस्लिम समुदाय को जोड़ने की रणनीति भाजपा के राजनीतिक किलो को मज़बूत करने की एक कवायद है। मेरी समझ मे भाजपा की यह पहल मुस्लिम समुदाय को मुख्य धारा मे जोड़ने के लिए भी जरूरी है। खैर इस प्रयास मे भाजपा कितनी सफल होती है यह जानने के लिए इतंजार करना होगा।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।