*कृषि विश्वविद्यालय के कर्मियों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज शासन प्रशासन को आउटसोर्स कर्मियों पर हो रहे शोषण के बारे में अवगत करवाया*
कृषि विश्वविद्यालय के कर्मियों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज शासन प्रशासन को आउटसोर्स कर्मियों पर हो रहे शोषण के बारे में अवगत करवाया
कृषि विश्वविद्यालय के कर्मियों ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके आज शासन प्रशासन को आउटसोर्स कर्मियों पर हो रहे शोषण के बारे में अवगत करवाया जिसको कि विभाग के बड़े अधिकारी ठेकेदार और अफसर ही कर रहे हैं यह शोषण पिछले 25 वर्षों से सरकार की आंखों के सामने हो रहा है और इस शोषण को रोकने के लिए सरकार द्वारा कोई भी कार्रवाई आज तक नहीं की गई है चाहे बीजेपी सरकार हो या कांग्रेस सरकार हो सरकारें मात्र आश्वासन ही देती आई हैं अब अफसरों द्वारा शोषण करना अपने चरम पर पहुंच चुका है जिसको की अलग अलग तरीके से किया जा रहा है जैसे कि नंबर 1 एक महीना काम लेकर मात्र 15 दिनों का ही वेतन देना नंबर दो कई विभागों में पिछले 8 माह से सप्ताहिक अवकाश ना देना 2 अक्टूबर 15 अगस्त चुनावों की छुट्टी महिलाओं को दी जाने वाली छुट्टियां नहीं दी गई हैं नंबर 3 जबरण ही 16 16 घंटे काम करने को मजबूर करना और 16 घंटे काम लेना नंबर 4 अकारण ही अपनी मर्जी से विभाग के कर्मचारियों द्वारा इन कर्मियों को बिना नोटिस के निकालना नंबर 5 महिला कर्मचारियों के साथ अभद्र भाषा में बात करना शराब पीकर इन और सोर्स कर्मियों से के साथ बदतमीजी करना नंबर 6 अपने ऊपर हो रहे शोषण के बारे में विभाग के अफसरों से बात करने पर काम से निकाल देना नंबर 7 पुराने कर्मचारियों को काम से निकाल देना और गैर कानूनी तरीके से नई भर्तियां करना और अपने भाई भतीजावाद फैलाना नंबर 8 कुछ आउटसोर्स कर्मचारियों को निरंतर काम पर रखना और अन्य कर्मचारियों से भेदभाव से पेश आना और भी अलग-अलग तरीके से इन आउटसोर्स कर्मियों को शोषित किया जा रहा है नंबर 9 ठेकेदारी सिर्फ नाम की होना और ठेकेदार द्वारा कोई भी सहूलियत नहीं दी जानी और जब ठेकेदार से बात की जाती है तो वह विभाग की कमियों का कारण बताकर अपना पल्ला झाड़ देता है