
19 मार्च 2023- (#अखिलेश_और_ममता_ने_भाजपा_से_लड़ने_और_कांग्रेस_से_दूरी_बनाने_का_किया_ऐलान)-

लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनैतिक दल अपनी रणनीति बनाने के लिए सक्रिय है। इसी उद्देश्य से प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कोलकत्ता मे मुलाकात हुई और मिलकर भाजपा से लड़ने और कांग्रेस से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। मेरे विचार मे दोनों नेता जनाधार वाले नेता है और दोनों अपने क्षेत्र मे खूब जनाधार रखते है। मेरी समझ मे इस निर्णय का सबसे बड़ा लाभ चुनाव मे भाजपा को होगा क्योंकि इन नेताओं का कहना है कि वह सभी क्षेत्रीय पार्टियों को एक मंच पर लाने का प्रत्यन करेगें। कांग्रेस के बगैर विपक्षी एकता की बात सोच रहे है।
मेरी समझ मे आज भी कांग्रेस के बिना कोई विपक्ष का मंच भाजपा का मुकाबला करने मे सक्षम नहीं है। यदि अखिलेश और ममता अपने इस निर्णय के प्रति गंभीर है और इस पर टिके रहते है तो निश्चित तौर पर लोकसभा चुनाव मे भाजपा का मुकाबला विभाजित विपक्ष से होगा और इसके चलते भाजपा के विरोध मे पढ़ने वाला वोट विभाजित हो जाएगा। जिसका सीधा लाभ भाजपा को होगा। वैसे इसके संकेत कांग्रेस की पदयात्रा के समय मिल गए थे। जब राहुल गांधी की पदयात्रा ने उत्तर प्रदेश मे प्रवेश किया था तो कांग्रेस की तरफ से अखिलेश को यात्रा मे शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा गया था लेकिन अखिलेश ने यात्रा से दूरी बना कर यह स्पष्ट कर दिया था कि वह कांग्रेस के साथ मंच शेयर करने मे दिलचस्पी नहीं रखते है। खैर अब ममता और अखिलेश की जोड़ी ने कांग्रेस के नेतृत्व को अस्वीकार कर कांग्रेस और राहुल गांधी को बड़ा झटका दिया है।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।