Himachal
*हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की दयनीय स्थिति*
हिमाचल प्रदेश में एचआरटीसी की दयनीय स्थिति हिमाचल प्रदेश की सबसे बड़ी सार्वजनिक परिवहन संस्था का कैसे हो रहा संचालन यह आप भली-भांति जानते हैं।
अभी हाल ही में बस में सफर करने का मौका मिला जब हरियाणा रोडवेज की बस में सफर किया तो वह एकदम से साफ सुथरी और पूरी तरह से व्यवस्थित थी बस का रूट था चंडीगढ़ शिमला। दूसरी ओर एचआरटीसी की बस में सफर करने का मौका मिला तो मन बहुत दुखी हुआ कि हमारे प्रदेश की परिवहन व्यवस्था इतनी चरमराई हुई क्यों है? यहां पर लोगों की परिवहन सेवाओं को एचआरटीसी ही पूरा करती है तथा शायद लोगों के आने जाने का साधन एचआरटीसी 60 % तक पूरा करती होगी। हालांकि अब काफी प्राइवेट बसें भी आ गई है और हरियाणा रोडवेज की बसों ने भी हिमाचल की परिवहन व्यवस्था में अपना हाथ बढ़ाया है।
परंतु हमारे अपने प्रदेश की परिवहन व्यवस्था की बहुत दयनीय स्थिति है चित्रों में आप देख रहे हैं कि एचआरटीसी की बस जो सोलन से लुधियाना जा रही है लेकिन इस बस की सीटों का हाल देखें तो आप स्वयं शर्मिंदा हो जाएंगे। इतने फटे हाल तो किसी गरीब से गरीब भिखारी के भी नहीं होते होंगे ।बस का केवल सीटों का हाल ही खराब ही नहीं बल्कि बस बुरी तरह से खड़क चुकी थी ।
इसी तरह से चंडीगढ़ से जोगिंदर नगर आने वाली एचआरटीसी बस का इतना ही बुरा हाल था। शीशों पर काला रंग किस तरह से लगाया गया था जैसे किसी ने फ्री में लगाया हो। बस के शीशों पर किसी बाबा ने कितने ही पोस्टर चिपकाए हुए थे परंतु उस पर कोई संज्ञान नहीं ।सफाई की तो आप बात न ही करें तो ही ठीक रहेगा।
क्या एचआरटीसी का मैनेजमेंट बसों का रखरखाव करने के लिए जिम्मेदार लोग कभी बस में चढ़कर देखते नहीं कि इन पैसों का क्या हाल है ?ऐसा नहीं कि इसमें बहुत अधिक खर्चा होने वाली बात है परंतु बात केवल अपने विभाग की तरफ कर्तव्य परायणता दिखाने की है और अपने कर्तव्य के प्रति वफादार रहने की बात है.
शायद एचआरटीसी के मैनेजर डीएम या जी एम ने कभी बस में चढ़कर नहीं देखा होगा कि बस की क्या हालत है?
उधर प्राइवेट बसों को देखिए तो वह एकदम चकाचौंध है. हरियाणा रोडवेज की बसें भी साफ-सुथरी और तकनीकी रूप से एकदम सुरक्षित और सुदृढ़ स्थिति में है ।फिर एचआरटीसी ऐसा क्यों नहीं कर सकती यह बहुत बड़ा प्रश्न है ।
एचआरटीसी मैनेजमेंट को चाहिए कि वह स्वयं गाहे-बगाहे बसों का निरीक्षण करें ,उनके रखरखाव पर ध्यान दें, तकनीकी तौर पर उनकी निरीक्षण करें और सवारियों को सुविधाजनक यात्रा देने के साथ-साथ ही सुरक्षित यात्रा की भी गारन्टी दे ताकि यात्रियों की जान को सफर के दौरान कोई खतरा ना हो? अगर मैं सोलन लुधियाना वाली बस की बात करूं तो वह तकनीकी रूप से सही नहीं लग रही थी यह एक आम आदमी की तरह कह सकता हूं कि उसकी तकनीकी हालत भी शायद ठीक नहीं थी ड्राइवर भी यह कह रहा था लेकिन ऑन रिकॉर्ड वह कुछ नहीं कह पाएगा क्योंकि उस पर मैनेजमेंट का प्रभाव रहेगा। और अगर कल को कोई दुर्घटना हो जाती है या हादसा हो जाता है तो उसको तकनीकी खराबी कहकर पल्ला झाड़ लिया जाएगा चाहे कितने ही यात्रियों की जान क्यों ना चली जाए।