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Editorial*#30_सितंबर_के_बाद _नहीं_चलेंगे_दो_हजार_के_नोट)-*

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21 मई 2023- (#30_सितंबर_के_बाद _नहीं_चलेंगे_दो_हजार_के_नोट)-

क्लीन नोट पॉलिसी के तहत आर.बी.आई ने बड़ा फैसला लेते हुए 30 सितंबर के बाद दो हजार के नोट को चलन से बाहर करते हुए बंद कर दिया है। इस फैसले ने 2016 मे हुई नोटबंदी की याद ताजा करवा दी है लेकिन उस नोटबंदी और दो हजार के नोट के चलन को बंद करने के निर्णय मे एक स्पष्ट अन्तर दिखाई दे रहा है। जहां 2016 की नोटबंदी का निर्णय जल्दबाजी मे राजनैतिक स्तर पर लिया गया था। नोटबंदी के तत्कालिक प्रभावों का आंकलन करने मे चूक स्पष्ट दिखाई देती थी। बैंको के बाहर लम्बी-लम्बी कतारें और अफरा-तफरी का माहौल इस बात का साबूत है कि नोटबंदी के बाद आने वाली समस्याओ का न तो बारीकी से अध्ययन किया गया था और न ही गभींरता से उन समस्याओ के निराकरण की योजना बनाई गई थी, इसलिए बाद मे दर्जनों बार योजना मे परिवर्तन करना पड़ा था। नोटबंदी के दौरान हुई कुछ मौतो के कारण सरकार को आलोचना का सामना करना पड़ा था। हालांकी नोटबंदी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए नोटबंदी को वैध ठहराया है, लेकिन नोटबंदी का उद्देश्य जो काले धन को बाहर निकालने का था वह पुरा नहीं हो सका था। स्मरण रहे उस समय हजार और पांच सौ के नोट बंद किए गए थे। वह सारे के सारे बैंको मे लौट आए थे। इस बार की कवायद मे नोटबंदी के अनुभव का असर स्पष्ट दिखाई दे रहा है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह आर.बी.आई का निर्णय है और लोगो को 2000का नोट बैंक मे जमा करवाने या बदलने के लिए 30 सितंबर तक का समय दिया गया है। स्मरण रहे क्लीन नोट पॉलिसी के अन्तर्गत 2013 -14 मे भी ऐसी ही कवायद हो चुकी है। दो हजार के नोट की इतनी कम उम्र मे मौत हो जाएगी इसकी पहले से ही संभावना व्यक्त की जा रही थी। पहले तो एक हजार का नोट बंद कर दो हजार का शुरू करने का कोई ठोस औचित्य नहीं था। दुसरे काला धन हजार की जगह दो हजार के नोट मे रखना तो अधिक सरल है। मेरी समझ मे दो हजार के नोट के चलन को इतने कम समय मे बंद करने से देश की करंसी की विश्वसनीयता कम होगी और दुसरा दो हजार के नोट की छपाई के खर्च के नुकसान को आर बी आई को सहन करना होगा। मेरे विचार मे अब सरकार को बड़े नोट नहीं छापने चाहिए और नगद चलन को निरुत्साहित करते हुए डिजिटल ट्रांजेक्शन को प्रोत्साहित करना चाहिए।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

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