*भ्रष्टाचार_व_भाई_भतीजावाद_से_देश_को_मुक्त_कराने_की_प्रधानमंत्री_ने_दोहराई_प्रतिबद्धिता :- महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*



08 अप्रैल 2023- (#भ्रष्टाचार_व_भाई_भतीजावाद_से_देश_को_मुक्त_कराने_की_प्रधानमंत्री_ने_दोहराई_प्रतिबद्धिता)-
सुप्रीम कोर्ट द्वारा जांच एजैसियों के दुरुपयोग के मामले मे विपक्ष द्वारा दायर याचिका के निरस्त होने के बाद प्रधानमंत्री अति उत्साह मे है। भाजपा के 44वें स्थापना दिवस को सम्बोधित करते हुए मोदी ने कहा कि भाजपा भारत को भ्रष्टाचार,भाई- भतीजावाद और कानून व्यवस्था की चुनौतियों से मुक्त कराने के उद्देश्य से कड़े कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होने “बादशाही” मानसिकता वाले लोगो की आलोचना की और कहा यह मानसिकता देश के गरीबों और वंचितो के लिए खतरनाक है। वह अपनी प्रतिबद्धता पर कितने खरे उतरते है यह भविष्य के गर्भ मे है, लेकिन मेरे विचार मे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई मे सफलता हासिल करने के लिए भाजपा को अपने लिए भी कुछ नियम तय करने होंगे। उन्हे अन्य दलों से आने वाले दागी नेताओं का भाजपा मे प्रवेश बंद करना होगा। जांच एजेंसियों को बिना दलिय भेदभाव के कार्यवाई करने की छूट होनी चाहिए। यह छूट मिलनी भी चाहिए और दिखनी भी चाहिए। जहां तक बादशाही मानसिकता का प्रश्न है मेरे विचार मे इसका लोकतंत्र मे कोई स्थान नही है, लेकिन यह मानसिकता आज भी लोगो मे कूट-कूट कर भरी है। अभी हिमाचल प्रदेश मे सत्तारूढ़ दल के एक विधायक की गाड़ी का जूडिशल मजिस्ट्रेट ने चलान कर दिया था। सभी विधायकों ने आसमान सिर पर उठा लिया। दिलचस्प बात है कि इस विषय पर सत्ता पक्ष और विपक्ष एक जुट हो गए।
स्मरण रहे आमजन के रोज चालान भी हो रहे है और पुलिस दुर्व्यवहार भी कर रही है, लेकिन उनकी चिंता उनका प्रतिनिधित्व करने वालो को नहीं है। बादशाही की मानसिकता की एक और मिसाल कांग्रेस के सांसद और वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी के इस ब्यान से भी झलकती है जिसमे उन्होने राहुल गांधी और उनके परिवार के लिए अलग कानून की मांग की है। एक इतने वरिष्ठ नेता से इस तरह की मांग की अपेक्षा नहीं की जा सकती थी। तिवारी निश्चित तौर पर गुलाम मानसिकता से ग्रस्त है। उनका यह ब्यान तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष देव कांत बरूआ के उस बयान की याद ताजा करवाता है जिसमे उन्होने देश की तुलना यह कहते हुए इंदिरा गाधी से कर दी थी कि “इंदिरा इज इंडिया”। लोकतंत्र मे ऐसे ब्यानों और व्यक्ति विशेष के लिए अलग कानून की मांग स्वीकार्य नहीं हो सकती। इसी प्रकार मंत्रियों और सी.पी.एस द्वारा बिना पात्रता के पुलिस पायलट का उपयोग भी बादशाही का ही प्रतीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विचार अच्छे व्यक्त किए है उन विचारों को कार्यान्वित करने के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।