*नगर निगम सोलन के जन प्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली सराहनीय !*
नगर निगम सोलन के जन प्प्रतिनिधियों की कार्य प्रणाली सराहनीय !
अभी अभी 2 दिन पहले ही ट्राई सिटी टाइम्स में सोलन नगर निगम के वार्ड नंबर 5 में सीवरेज की लीकेज तथा टूटी हुई सड़क और सफाई व्यवस्था के बारे में एक खबर लगी थी ,जिस पर नगर निगम सोलन के कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाए गए थे ।
खबर की वीडियो देखते ही डिटेल पढ़ते ही नगर निगम की मेयर श्रीमती पूनम ग्रोवर तथा निगम के वार्ड नम्बर5 के पार्षद कुलभूषण गुप्ता व नॉमिनेटेड पार्षद पुनीत नारंग तथा निगम के वार्ड नम्बर 5 के सम्बंधित स्टाफ व अन्य लोग अधिकारियों सहित वार्ड नंबर 5 में जन शिकायत तथा जन शिकायत के निवारण के लिए एक दिन बाद मौके पर पहुंच गए तथा वहां पर हो रही समस्या तथा जनता की शिकायतों को सुना और तुरंत ही साथ गए अधिकारियों को मौके पर निर्देश दिए कि इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए । इनमें पुनीत नारंग व कुलभूषण गुप्ता का अपने वार्ड के प्रति जज्बा देखने के काबिल था। वार्ड नंबर 5 निवासियों की हर समस्या को बड़े ध्यान से सुना तथा उसके निवारण के लिए कुछ हफ्तों का समय दिया।अगर जनप्रतिनिधि इस तरह से जनता के प्रति अपनी जिम्मेवारी को समझे तो कोई कारण नहीं की वे कभी चुनाव में जीत हासिल ना कर सके । जनता ने उन्हें इसीलिए चुना है कि वह जनता की समस्याओं का तुरंत निवारण करें और उन्हें अपनी समस्याओं के लिए दफ्तरों के चक्कर न लगाने पड़े ।क्योंकि स्थानीय संस्थाओं के जनप्रतिनिधि अगर जमीनी स्तर पर लोगों की समस्या का समाधान कर दें तो राज्य स्तरीय और देश स्तरीय समस्याओं में नेता लोगों को ना उलझन पड़े और वह अन्य विकासात्मक कार्यों की ओर अधिक ध्यान दे सकते हैं ।
लेकिन होता इससे उलट है कि स्थानीय निकायों की समस्याओं को भी लोगों को MLA तक ले जाना पड़ता है और MLA उन स्थानीय समस्याओं में उलझ कर रह जाते हैं और विधानसभा स्तर की या प्रदेश स्तर की समस्याओं को और सामूहिक आम समस्याओं को जैसे स्वास्थ्य शिक्षा सड़क आदि पर से उनका ध्यान भटक जाता है ।
अगर किसी के घर में पानी नहीं आ रहा है उसके लिए MLA को चार बार फोन करके अपना समय बर्बाद करना पड़े अधिकारियों को बुलाना पड़े और उस समस्या के समाधान के लिए उसे 4 घंटे भी अगर गवांने पड़े तो सोचिए इस तरह से हर इंसान की समस्याओं को निपटने के लिए वह MLA जनता की सामूहिक समस्याओं पर कब ध्यान देगा अगर वह समस्याओं में ही उलझा रह जाएगा तो?
जो स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधि हैं, चाहे वह नगर निगम हो नगर परिषद हो ,ग्राम पंचायत हो ,उन्हें लोगों की समस्याओं को अपने स्तर पर संज्ञान लेकर सुलझा देना चाहिए ताकि ऐसी छोटी-छोटी समस्याएं Mla या MP तक न पहुंचे और वह अपना ध्यान विकासात्मक कार्यों पर दे सके ।
नगर निगम सोलन के जनप्रतिनिधियों द्वारा इस तरह से तुरंत संज्ञान लेने से सचमुच एक मिसाल कायम होती है और सभी को इसी तरह से कार्य करना चाहिए जिससे जनता में आक्रोश ना पनपे और वह अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इधर-उधर ना भटके।
मेयर पूनम ग्रोवर और उनके पार्षद भविष्य में भी इसी तरह से लोगों की समस्याएं सुनेंगे उनका समाधान अपने स्तर पर करेंगे ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए।