आज डॉक्टर शिव कुमार की पुण्यतिथि पर शनि सेवा सदन ने अर्पित की भावभीनी श्रद्धांजलि*
आज अंतरराष्ट्रीय स्तर के समाजसेवी डॉक्टर शिव कुमार की पुण्यतिथि है। पालमपुर की विभिन्न संस्थाओं द्वारा उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई शनि सेवा सदन द्वारा भी उन्हें आज याद किया गया तथा उनकी याद में उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गई।
माता श्रीमती इन्दिरा कुमारी व पिता महान् शिक्षाविद, समाजसेवी एवं राजनीतिज्ञ पंडित अमरनाथ जी के घर में 4 जून 1939 को जन्मे डॉ शिव कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सनातन धर्म हाई स्कूल बैजनाथ और पालमपुर से प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए वह अमृतसर के और वहां पर एमबीबीएस की शिक्षा उन्होंने मेडिकल कॉलेज अमृतसर से प्राप्त की।
डॉ. शिव कुमार ने अपनी निजी प्रेक्टिस पालमपुर में शुरू की। शादी के पश्चात उनकी पत्नी श्रीमती विजय ने भी डॉक्टर साहब के साथ मिलकर प्रैक्टिस करनी शुरू कर दी और डॉक्टर साहब के क्लीनिक में अपना योगदान देना शुरू किया उन्होंने न केवल डॉक्टर की अपनी पढ़ाई का पूरा लाभ समाज सेवा को दिया बल्कि अपने घर संसार में विवाह पूर्ण रूप से सफल ग्रहणी साबित हुई । डॉक्टर साहब की सफलता में उनका भी बहुत बड़ा योगदान रहा। डॉक्टर शिव कुमार वह एक कुशल चिकित्सक होने के साथ-साथ एक महान समाजसेवी भी थे। उन्होंने कई संस्थाओं की स्थापना की और मानव कल्याण के लिए कार्य किया।
डॉ. शिव कुमार ने रोटरी क्लब पालमपुर के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। उन्होंने मारंडा रोटरी आई अस्पताल की स्थापना की। यह अस्पताल पूरे उत्तरी भारत में आंखों के इलाज के लिए प्रसिद्ध है।
डॉ. शिव कुमार ने पालमपुर रोटरी हेल्पेज फाउंडेशन की स्थापना की। इस फाउंडेशन के अंतर्गत उन्होंने पालमपुर में एक वृद्धाश्रम, एक बाल आश्रम, एक इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और एक दिमागी रूप से कमजोर बच्चों के लिए केंद्र की स्थापना की।वह हिमाचल के एकमात्र आंखों के अस्पताल मारंडा, सलियाणा स्थित बेसहारा एवं वृद्ध आश्रम के अलावा कई शिक्षण संस्थाओं के जनक रहे।
डाक्टर शिव कुमार गोस्वामी गणेश दत्त के प्रिय शिष्य व पंडित अमरनाथ के छोटे बेटे थे। पंडित अमरनाथ ने बैजनाथ में क्षेत्र के पहले निजी पोलीटेक्निक की स्थापना की थी। डाक्टर शिव कुमार ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में विशेष कार्य किया। रोटरी आई अस्पताल लाखों लोगों को रोशनी दे चुका है। कनाडा जैसे देश से भी डाक्टर शिव कुमार के नाम पर दान मिला।
डाक्टर शिव कुमार 1990 से 1992 तक पालमपुर से भाजपा विधायक भी रहे। यह तब की बात है जब शांता कुमार पालमपुर और सुलह दो जगह से जीते थे। उन्हें एक सीट खाली करनी थी। इस पर शांता कुमार ने पालमपुर सीट छोड़ी व वहां हुए उपचुनाव में शिव कुमार ने जीत दर्ज की थी।
डॉक्टर शिव कुमार कभी किसी के भी दबाव में आकर कार्य करने वाले शख्सियत नहीं थे। यही कारण रहा की राजनीतिक दबाव और उठा पटक की की नीति उन्हें पसंद नहीं आई और उन्होंने राजनीति से संन्यास लेकर केवल मात्र समाज सेवा की ओर ही अपना ध्यान केंद्रित किया और उन्होंने पालमपुर में समाज सेवा का एक ऐसा वटवृक्ष लगाया जिसकी छाया में आज भी हजारों लोग सुख की सांस ले रहे हैं ,अपने परिवारों को पाल रहे हैं और विभिन्न तरह के इलाज करवा के रोजगार पा खुद को धन्य महसूस कर रहे हैं।
डॉ शिव कुमार उस जमाने के डॉक्टर थे जब पालमपुर में डॉक्टरों की बहुत कमी थी वास्तव में पालमपुर की बात ना की जाए पूरे देश में ही डॉक्टरों की बहुत कमी हुआ करती थी और डॉक्टर सचमुच उसे वक्त भगवान का रूप हुआ करते थे । दूरदराज से लोग उनके पास इलाज करवाने आते थे जो अति गरीब होते थे जिनके पास दवाइयां के पैसे नहीं होते थे उन्हें वह फ्री में दवाइयां दे देते थे और अगर उनके पास घर को वापस जाने के लिए बस का किराया भी नहीं होता था तो वह किराया भी अपने जेब से दे देते थे।अगर डॉक्टर साहब ने अपने मेडिकल प्रोफेशन पर ही ध्यान दिया होता ईमानदारी से पैसे कमाने पर ही ध्यान दिया होता तो भी वह आज फोर्टिस जैसे बड़े अस्पताल के एम्पायर के बराबर खड़े होते हैं और उनका भी एक बड़ा मेडिकल हॉस्पिटल होता।
सामाजिक क्षेत्र में उन्होंने पालमपुर में इतना अधिक कार्य किया है जिसे शायद 10-20 लोगों की टीम भी नहीं कर पाती यह उनकी मेहनत लगन और दृढ़ निश्चय का ही फल था कि आज रोटरी आई हॉस्पिटल रोटरी वूमेन एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल फिजियोथैरेपी सेंटर बाल आश्रम वृद्धा आश्रम आईटीआई वह अन्य कुछ संस्थान बहुत ही अच्छे ढंग से कार्य कर रहे हैं और यहां पर जरूरतमंद लोगों को उनके हिसाब से सहायता प्राप्त हो रही है ।सैकड़ो लोगों को रोजगार मिला हुआ है जिससे सैकड़ो परिवार पल रहे हैं।
पालमपुर में एक प्रमुख समाजसेवी संस्था है शनि सेवा सदन उसके प्रमुख परमेंद्र भाटिया जी ने बताया कि डॉक्टर साहब हमेशा उन्हें नेक सलाह देकर जाया करते थे और कहां करते थे की भाटिया अपनी सेहत का भी ख्याल रखो आप समाज सेवा तभी कर पाओगे अगर आप स्वस्थ रहोगे ।डॉक्टर साहब क्लीनिक से जब भी वापस घर जाते थे तो हफ्ते में एक दो बार भाटिया जी की दुकान के आगे ब्रेक लगाकर उनसे उनका कुशल क्षेम पूछते थे तथा भाटिया जी भी उनसे मिलकर उनसे नेक सलाह ले लिया करते थे।
आज डॉक्टर शिव कुमार हमारे बीच में नहीं है लेकिन उनके द्वारा स्थापित आदर्श सिद्धांत और मार्गदर्शन हमेशा सभी लोगों को मिलता रहेगा ।उनके द्वारा किए गए कार्यों का फल आने वाले कई दशकों तक लोगों को मिलता रहेगा ।समाजसेवी हो तो ऐसा जिसका परिणाम न केवल उसके जीवन काल में रहे बल्कि उसके जीवन के बाद भी लोग उसके नेक कार्यों का लाभ उठा सके।