सीज़र्स की पत्नी को संदेह से परे या ऊपर होना चाहिए।
सीज़र्स की पत्नी को संदेह से परे या ऊपर होना चाहिए।
30 दिसंबर 2023- ( सीज़र्स की पत्नी को संदेह से परे या ऊपर होना चाहिए।)– यह कथन राजा की पत्नी या राजा के नजदीकियों के बारे मे कहा गया है। लोकतंत्र मे यह बात राजनेताओ पर लागू होती है। खबर है कि मनीलांड्रिंग के मामले मे प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दाखिल चार्जशीट मे कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और उनके पति राबर्ट वाड्रा के नाम का जिक्र किया गया है। स्मरण रहे ईडी की चार्जशीट मे प्रियंका के नाम का उल्लेख जमीन खरीद के आरोपी से जुड़े होने के संदर्भ मे किया गया है। इस चार्जशीट के मुताबिक संजय भंडारी के कथित सहयोगी सी.सी थम्पी ने दिल्ली एन.सी.आर के रियल एस्टेट एजेंट एच. एल पाहवा के माध्यम से 2005 से 2008 तक हरियाणा के फरीदाबाद जिले के गांव अमीपुर मे 486 एकड जमीन खरीदी। राबर्ट वाड्रा ने 2005 – 2006 तक एच.एल पाहवा से अमीपुर मे लगभग 40 एकड जमीन के तीन टुकड़े खरीदे और दिसंबर 2010 मे उसी जमीन को एच एल पाहवा को ही बेच दिया। ईडी का आरोप है कि राबर्ट वाड्रा ने बिक्री का पुरा पैसा पाहवा को नही दिया। चार्जशीट मे यह भी आरोप है कि प्रियंका का नाम भी संदिग्ध जमीन खरीद मे सामने आया है। इस दौरान कांग्रेस के नेतृत्व मे यूपीए की सरकार केन्द्र मे सत्तारूढ थी।उल्लेखनीय है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस की बडी नेता है और वर्तमान मे वह पार्टी की राष्ट्रीय महामंत्री है। वह और उनके पति कांग्रेस के प्रथम परिवार के सदस्य है। काबिलेगौर है कि कांग्रेस की सारी राजनीति गांधी परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है। इस से पहले भी प्रियंका गाधी का नाम यस बैंक के चेयरमैन को अपनी पेटिंग एक करोड मे बेचने के मामले मे घिर चुका है। खैर अभी न तो प्रियंका गांधी दोषी है और न ही ईडी ने उनका नाम आरोपी के तौर पर दर्ज किया है। लेकिन शक की सुई जरूर उनकी तरफ घूम गई है। मेरी समझ मे भारत मे सबसे संदिग्ध धंधा जमीन की खरीद फरोख्त का है। इस मे बडे पैमने पर नगद लेन – देन का चलन है। काले धन को सफेद करने का गोल- माल भी इस धंधे मे है। मनी पावर और मसल पावर का रोल भी इस काम मे है। यह धंधा साफ – सुथरा कदाचित नही है। मेरी समझ मे राजनेताओ को इस धंधे से दूर ही रहना चाहिए। यह चार्जशीट प्रियंका की मुश्किलें बढ़ा सकती है और भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव मे इसे कांग्रेस के खिलाफ बडे हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है। बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि 29 जनवरी को पीएमएलए की विशेष अदालत इस चार्जशीट पर क्या स॔ज्ञान लेती है। अंत मे यही कहना होगा कि सीज़र्स की पत्नी संदेह से ऊपर नही रह सकी।
आज इतना ही।