*Editorial:*लोकसभा_चुनाव_के_मद्देनजर_हिमाचल_कांग्रेस_नेतृत्व_को_हाईकमान_ने_दिल्ली_तलब_कर_दिए_दिशानिर्देश :लेखक महेंद्रनाथ सोफ़त पूर्व मंत्री*
29 दिसंबर 2023- (#लोकसभा_चुनाव_के_मद्देनजर_हिमाचल_कांग्रेस_नेतृत्व_को_हाईकमान_ने_दिल्ली_तलब_कर_दिए_दिशानिर्देश)–
2023 जा रहा है और 2024 आ रहा है। 2024 मे लोकसभा के चुनाव होने जा रहे है। इसलिए 2024 का महत्व बहुत बढ़ गया है। हिमाचल चुनाव की बात करें तो हिमाचल मे लोकसभा चुनाव कांग्रेस और भाजपा दोनो के लिए अति महत्वपूर्ण है। दोनो ही चारों सीटें जीतने के दावे भी कर रहे है। दोनो दलों की प्रतिष्ठा दाव पर लगी है। कांग्रेस यहां सत्तारूढ़ है। इसलिए यहां चारों सीटों पर जीत का भरोसा कर रही है। उधर भाजपा 2019 मे यहां सभी सीटों पर जीत दर्ज करवाने मे सफल रही थी। हांलाकि मंडी मे हुए उपचुनाव मे उसे हार का सामना करना पड़ा था। वर्तमान मे उनके कब्जे मे तीन सीटे है। खैर भाजपा एक ऐसी पार्टी है जो हमेशा चुनाव मोड़ मे रहती है। 2022 मे हिमाचल मे सत्ता खोने के बाद बिना समय गवांए भाजपा प्रदेश मे सक्रिय है। भाजपा नेतृत्व लोकसभा चुनाव मे चारों सीटें जीत कर अपनी विधान सभा चुनाव मे हुई हार का बदला लेना चाहता है।
भाजपा लोकसभा चुनाव मे अपनी जीत को लेकर आशवस्त है। उनका तर्क है कि लोकसभा चुनाव केन्द्रीय सरकार के काम-काज और मोदी के नेतृत्व मे लड़े जाएगें। भाजपा कांग्रेस सरकार को उनकी गारंटीयों को लेकर लगातार हमला बोल रही है, उधर अब कांग्रेस भी एक्शन मे आ गई है। कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल कांग्रेस के सत्ता- संगठन के नेताओं को दिल्ली तलब किया और उन्हे एक जुटता का पाठ पढाया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यह दिल्ली मे सम्पन्न बैठक केवल लोकसभा चुनाव को लेकर रखी गई थी। वहां एक स्पष्ट संदेश दिया गया कि जिसे भी टिकट दिया जाएगा उसे चुनाव लड़ना ही होगा। इस सन्देश का यह भी अर्थ है कि हाईकमान को यह सन्देह है कि कुछ बड़े नेता चुनाव लड़ने मे आना-कानी कर सकते है। स्मरण रहे ऐसा धर्मशाला उपचुनाव मे हो चुका है। अपुष्ट सोशल नेटवर्किंग की सूचनाओं के अनुसार कांग्रेस हाईकमान हमीरपुर और मंडी लोकसभा से दो मंत्रियों के नाम पर विचार कर रहा है। इनमे एक मंत्रीमंडल का सबसे वरिष्ठ मंत्री है तो दुसरा सबसे नौजवान मंत्री है।
कांग्रेस का कहना है कि वह चुनाव मे आपदा मे केन्द्रीय सरकार से सहायता न मिलने को मुद्दा बनाएगी। मेरे विचार मे कांग्रेस सत्तारूढ़ है। इसलिए उन्हे इस डेढ़ वर्ष की अपनी उपलब्धियाँ भी बतानी होगी। स्मरण रहे वर्तमान मे कांग्रेस सारे उत्तर भारत मे केवल हिमाचल मे सत्तारूढ़ है। इसलिए यहां से उसे बड़ी जीत की उम्मीद है। उधर भाजपा अपने कब्जे को बरकरार रखने के लिए पुरी ताकत झोंक देगी। यह चुनाव भाजपा संगठन और कांग्रेस सरकार के बीच होगा। यह एक बड़ी भिड़ंत होगी। इसमे कौन जीत हासिल करेगा यह देखना दिलचस्प होगा। परिणाम के बारे भविष्यवाणी करना खतरे से खाली नहीं होगा। इसलिए लोकसभा चुनाव के परिणाम की इतंजार करना ही उचित है।
#आज_इतना_ही।