Editorial *हिमाचल_मे_असंतोष_की_खबरों_में_कितनी_सच्चाई* : महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री
14 जनवरी 2024- (#हिमाचल_मे_असंतोष_की_खबरों_में_कितनी_सच्चाई ?)–
हिमाचल मे कांग्रेस की सरकार बने एक वर्ष पुरा हो चुका है। हिमाचल कांग्रेस मे सब ठीक नहीं चल रहा है इस प्रकार की खबरें लगातार मिडिया और सोशल नेटवर्किंग पर प्रचारित हो रही है। इसमे कितनी सच्चाई है इसकी स्पष्ट विवेचना तो नहीं हो सकती लेकिन परिस्थितियों के अध्ययन से आप इस निष्कर्ष पर जरूर पहुंच जाते हो कि पार्टी के कुछ विधायकों का नेतृत्व के साथ और दो धड़ों का आपस मे शीतयुद्ध जारी है। आपसी खींचतान के चलते एक वर्ष बीत जाने के उपरांत भी मंत्रीमंडल का पूर्ण विस्तार नहीं हो सका है। हाल ही मे दो विधायकों राजेश धर्माणी और यादविंदर गोमा को मंत्रीमंडल मे शामिल जरूर किया गया है लेकिन उनको विभाग आबंटन मे एक मास का समय लग गया। शायद दो मंत्रियों को हिमाचल मे पहली बार इतने समय के लिए बिना विभाग का मंत्री रहना पड़ा। खैर लगभग एक महीने के इतंजार के बाद मुख्यमंत्री जी ने विभागों का आबंटन करने के लिए तीन मंत्रियों शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर से तकनीकी शिक्षा वापस लेकर राजेश धर्माणी को दिया और इसी प्रकार उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान से आयुष और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य से युवा एवं खेल विभाग वापस लेकर यादविंदर गोमा को दिया गया है।
अब यह संयोग कहें या इन तीन मंत्रियों की नाराजगी की विभाग आबंटन के बाद हुई मंत्रीमंडल की बैठक से विभाग गंवाने वाले तीनो मंत्री गैर-हाजिर रहे। मंत्रीमंडल के प्रबल दावेदार विधायक राजेंद्र राणा और पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से अप्रत्यक्ष रूप से बातों- बातों मे अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके है। संगठन और सरकार मे तालमेल पर भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अपनी बात या शिकायत कांग्रेस हाईकमान तक पहुंचा चुकी है। विश्लेषक कहते है कि स्वर्गीय वीरभद्र सिंह से जुड़े कांग्रेस के लोग अपने को असहज महसूस कर रहे है। विक्रमादित्य सिंह जो वीरभद्र सिंह जी के सपुत्र है और जो उनकी सोच का प्रतिनिधित्व करते है वह हमेशा अपने बयानों के माध्यम से अलग लाइन खींचने का प्रत्यन करते हैं। अभी उन्होने कांग्रेस हाईकमान की लाइन से हटकर राम मंदिर उद्घाटन का निमंत्रण स्वीकार कर लिया और रामभक्तों की वाह-वाही लूट ली। हालांकि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू इस प्रकार की खबरों को खारिज करते है लेकिन परिस्थितिजन्य साक्ष्य इस ओर इशारा कर रहे है कि सत्तारूढ कांग्रेस मे सब कुछ ठीक नही चल रहा है।
#आज_इतना_ही।