*पालमपुर के लोग सभी विभागों से कुछ जरूरत से ज्यादा ही अपेक्षा करते हैं विभागों की अपनी मजबूरी होती है*


*पालमपुर के लोग कुछ जरूरत से ज्यादा ही अपेक्षा करते हैं विभागों की अपनी मजबूरी होती है*

पालमपुर के लोग ही शायद कुछ जरूरत से ज्यादा उम्मीदें रखते हैं नगर निगम वालों की भी कुछ मजबूरियां हो सकती हैं कुछ बंदिशे से हो सकती हैं, परंतु यह पालमपुर के लोग हैं कि कुछ समझते ही नहीं। हर छोटी छोटी बात पर रोना शुरू कर देते हैं ।
अब देखिए ना नेहरू चौक में पालिका पार्किंग के निचले फ्लोर पिछले लगभग 2 साल से फर्स्ट फ्लोर से बने से नीचे पार्किंग में लीकेज हो रही है ।पूरा गन्दा बदबूदार पानी पाइप से निकलकर पार्किंग में आ गया है। वहां पर बदबू फैली हुई है ।दीवारें टूट चुकी है। पाइपें गिर चुकी है ।लीकेज हो रही है ।सीवरेज के पानी और शौच का पानी, पीने का पानी कब किस में मिल जाये किसी को पता नही। पीने वाले पानी की भी लीकेज है ।बाहर पीने के पानी का कूलर लगा है और साथ ही एक-दो नॉर्मल नल के भी लगे हैं जिनसे यहां के दुकानदार और अन्य ग्राहक लोग पानी पीते हैं ,परंतु इस पानी में शौचालय की लीकेज का पानी नहीं आता होगा इस बात की कोई गारंटी नहीं। अंदर पार्किंग में आप 5 मिनट खड़े नहीं हो सकते आप को चक्कर आ जाएंगे और अगर 10 मिनट खड़े रहे तो आप बेहोश भी हो सकते हैं।
ऐसा नहीं है कि इस बात का संज्ञान नगर पालिका के लोगों को जिम्मेदार अधिकारियों को कर्मचारियों को नहीं बताया गया इस मार्केट के दुकानदारों ने बताया कि कई बार जनप्रतिनिधियों और निगम प्रशासन से इस बारे में कहां गया परंतु कोई असर नहीं ।आपको बदबू में रहना पड़े आपको गंदा पानी पीना पड़े शहर में बीमारी फैल जाए इसका नगर निगम से कोई लेना-देना नहीं ।यह लोकल दुकानदारों का फर्ज है कि वह स्वयं इस समस्या का हल ढूंढ ले। ऐसा नहीं है कि उन्होंने हल नहीं ढूंढा कुछ समय पहले पीने के पानी की पाइप इस पार्किंग में टूट गई थी जिसे स्थानीय दुकानदारों ने स्वयं पैसे इकट्ठे करके बनवाया। सीवरेज की लीकेज के बारे में कई बार निगम के संज्ञान में बात लाई गई परंतु नतीजा सिर्फ सिफर। इतना ही नहीं 12लाख का जो टॉयलेट पुरानी सब्जी मंडी में मार्केट वालों के लिए बनाया गया था दुकानदारों ने बताया कि उस पर ताले लगे हैं और दुकानदारों का कहना है कि उसमें कोई टॉयलेट जा ही नहीं सकता इतना गंदा और बुरे हाल में यह टॉयलेट है ।
बहुत से दुकानदारों ने जिसमे महिलाएं भी शामिल थीं ,कहा कि यहां पर इतना बड़ा टॉयलेट बनाने की कोई आवश्यकता नहीं थी क्योंकि यहां पर पार्किंग बनने वाली है जब यहां पर पार्किंग का काम लगेगा तो इस टॉयलेट को फिर से उखाड़ना पड़ेगा गिराना पड़ेगा और यह 1200000 बर्बाद हो जाएंगे । दुकानदारों ने कहा कि यहां पर केवल मात्र एक छोटा सा टॉयलेट बना दिया जाता तो वह ₹100000 में बन जाता और आराम से मेंटेन भी किया जा सकता था यहां के दुकानदारों का कहना है कि अगर संबंधित विभाग इस बदबू को बंद करने में लीकेज को बंद करने में असहाय है तो वह हमें मार्केट कमेटी को चिट्ठी लिखे हम इसे अपने खर्चे पर एकदम सही करवा देंगे और साथ ही एन ओ सी भी दे कि आप अपने लेवल पर यह काम करवा सकते हो तो मार्केट वाले यह काम स्वयं करवा लेंगे। पालमपुर वासियों आपसे करबद्ध प्रार्थना है कि आप किसी भी विभाग से चाहे बिजली पानी सड़क स्वास्थ्य आदि से ज्यादा अपेक्षा मत करें।। और नगर निगम से तो बिल्कुल भी अपेक्षा मत रखिए उनकी अपनी मजबूरी है उनकी अपने लिमिटेशंस हैं वे बेचारे सभी लोग दिन-रात काम करते हैं आपके लिए लेकिन आप हैं कि संतुष्ट नहीं होते। निगम से जुड़ा हुआ हर आदमी दिन रात मेहनत कर रहा है 12- 12, 14-14 घंटे काम कर रहा है परंतु आप हमें मानते नहीं संतुष्ट होते नहीं।
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