*कर्नल डीएस जरयाल ने पत्नी उर्मिल जरियाल की स्मृति में वरिष्ठ नागरिक समिति को किया कंसंट्रेटर दान*
वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति पालमपुर में सेवा और संवेदनशीलता की मिसाल:


पालमपुर में सेवा और संवेदनशीलता की मिसाल:
कर्नल डीएस जरयाल ने पत्नी उर्मिल जरयाल की स्मृति में वरिष्ठ नागरिक समिति को किया कंसंट्रेटर दान
– बीके सूद
पालमपुर, 24 अप्रैल —
सेवा और संवेदनशीलता का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करते हुए कर्नल (सेवानिवृत्त) डीएस जरयाल ने अपनी दिवंगत पत्नी स्वर्गीय उर्मिल जरयाल की पावन स्मृति में वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति, पालमपुर को एक अत्याधुनिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दान किया है। यह सौजन्यपूर्ण और भावनात्मक क्षण आज पालमपुर के बन्दला स्थित उनके आवास पर सम्पन्न हुआ, जहाँ उन्होंने समिति के पदाधिकारियों को यह उपकरण सौंपते हुए कहा कि “मेरी पत्नी हमेशा दूसरों की सेवा में विश्वास रखती थीं, यह दान उनके उसी जीवन-मूल्य का एक छोटा सा प्रतिबिंब है।”
कर्नल जरयाल वर्षों से समाज सेवा के कार्यों में सक्रिय हैं। वे अपने शांत और विनम्र व्यक्तित्व के साथ समाज के लिए जो कर रहे हैं, वह प्रेरणा का स्रोत है। उनका यह दान न केवल एक यंत्र है, बल्कि एक जीवंत स्मृति है — संवेदना और सेवा की प्रतीक।
वरिष्ठ नागरिक सेवा समिति: उम्र की ढलान पर सहारा बनती एक सशक्त संस्था
पालमपुर की यह समिति अब केवल एक संगठन नहीं रही, यह एक संवेदनशील परिवार में बदल चुकी है, जो बुजुर्गों को न केवल सेवा देता है, बल्कि उनका मनोबल और आत्मसम्मान भी बढ़ाता है। समिति ने समय के साथ अपने कार्यों का दायरा बढ़ाया है और अब वह एक बहुआयामी सामाजिक मंच बन गई है।
समिति की प्रमुख सेवाएँ:
- चिकित्सकीय सहायता:
नियमित डॉक्टर चेकअप, दवाइयों की व्यवस्था, आपातकालीन मेडिकल सुविधा और ज़रूरतमंद वरिष्ठों के लिए घर तक चिकित्सा पहुंचाना। विशेष रूप से अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए यह सेवा संजीवनी का काम करती है। - वाहन सुविधा:
वरिष्ठ नागरिकों को अस्पताल, बैंक, बाजार या किसी ज़रूरी स्थान तक पहुंचाने के लिए गाड़ी की सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। ज़रूरत के समय उनके लिए समिति एक भरोसेमंद साथी बन जाती है। - घरेलू सहायता:
जिन वरिष्ठों को दैनिक क्रियाकलापों में सहायता चाहिए, उनके लिए समिति स्वयंसेवकों या सहायकों की व्यवस्था करती है। यह सेवा मानवता की असली तस्वीर को दर्शाती है। - शैक्षणिक व आर्थिक सहयोग:
समिति न केवल बुजुर्गों की देखभाल करती है, बल्कि ज़रूरतमंद बच्चों को स्कूल फीस, किताबें, यूनिफॉर्म जैसी सहायता भी प्रदान करती है। यह पीढ़ियों के बीच सेतु का कार्य है। - समूहिक कार्यक्रम:
योग, स्वास्थ्य शिविर, वार्तालाप सत्र, संगीत और सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से बुजुर्गों को मानसिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से सक्रिय बनाए रखना समिति का मुख्य उद्देश्य है। - सामाजिक संवाद:
वरिष्ठ नागरिकों के लिए “मिलन और मन की बात” जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जहाँ वे एक-दूसरे से संवाद कर समस्याएं और समाधान साझा करते हैं। - पारिवारिक संपर्क:
समिति बुजुर्गों के परिजनों से निरंतर संपर्क में रहती है ताकि उन्हें बेहतर सहयोग दिया जा सके। यदि कोई समस्या उत्पन्न हो, तो वह सामूहिक रूप से हल करने का प्रयास करती है। - बाज़ार सुविधा:
अकेले रहने वाले बुजुर्गों के लिए समिति आवश्यक सामान की खरीदारी की सुविधा भी प्रदान करती है। कोई दवा, राशन या अन्य आवश्यक वस्तु हो – समिति सदैव तत्पर है।
कार्यक्रम की गरिमामयी उपस्थिति और भावनात्मक क्षण
इस अवसर पर कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें पूर्व डिप्टी कमिश्नर श्री कपिल, पूर्व वित्त कंट्रोलर श्री डीएस चौधरी, और समिति के अन्य सक्रिय सदस्य शामिल थे। सभी ने कर्नल जरियाल के इस मानवीय कार्य की मुक्त कंठ से सराहना की और इसे सेवा के उच्चतम आदर्श का परिचायक बताया।
समिति के वरिष्ठ सदस्य ने इस योगदान को “एक जीवन को जीने योग्य बनाने वाला योगदान” करार दिया और कहा कि ऐसे सहयोग से संस्था का मनोबल कई गुना बढ़ता है।
यह दान केवल एक यंत्र नहीं, एक संकल्प है — जीवन की सेवा का, स्मृति की गरिमा का और समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व का।
कर्नल डीएस जरयाल की यह प्रेरणा हम सभी को यह सिखाती है कि जब हम दूसरों के लिए जीते हैं, तभी हमारी स्मृतियाँ अमर होती हैं।