विश्व जाग्रति मिशन हिमाचल प्रदेश के पालमपुर मंडल द्वारा यहां के यजमानों के साथ सुधांशु जी महाराज के साथ वर्चुअल संवाद आयोजित हुआ जिसमें सुधांशु जी महाराज ने पालमपुर मिशन के सभी यजमानों को अपना आशीर्वाद दिया।
इस अवसर पर अपने प्रवचनों की बौछार करते हुए श्री सुधांशु जी महाराज ने कहा जिस व्यक्ति का मस्तिष्क सन्तुलित हो वह स्वयं पर नियंत्रण लगा लेता है, ऐसा व्यक्ति दुःख की घडि़यों में भी घबराता नहीं। विपरीत समय में भी दिल पर पत्थर रखकर आगे बढ़ने के बारे में विचार कर सकता है, विचार ही ज्ञान है।
ज्ञान जब होश बनता है, उस स्थिति में विचार ही काम करते हैं। विचार आपको करना है कि जीवन क्या है, मैं कौन हूं, मेरी शक्ति क्या है?
स्वयं से बार-बार प्रश्न करो मैं कौन हूं? मेरी शक्ति क्या है? क्या शक्ति लेकर दुनिया में आया हूं? बन्द मुठ्ठी में हमारा भाग्य है, शक्ति है, हौसला है, हिम्मत है। जिन्दगी की यात्रा में विवेक का सहारा ही काम करेगा। यह यात्रा पंछी की उड़ान की तरह है, आसमान में कोई पगडंडी नहीं होती, हर पंछी अपने विवेक से उड़ता है। इस संवाद में योगगुरु अर्चिका दीदी ने भी अपने प्रबचन दिए।
विश्व जागृति मिशन पालमपुर मंडल के अध्यक्ष रविंदर भारद्वाज ने बताया कि विश्व जागृति मंच की देश-विदेश में 80 से ऊपर शाखाएं हैं। इस मिशन के द्वारा सुधांशु जी महाराज भारत ही नहीं विदेशों में भी अध्यात्म और जनकल्याण का संदेश प्रचारित कर रहे हैं।
इनका मिशन निर्धनों और कमज़ोर व्यक्तियों की सहायता करता है तथा कई जनहित के कार्य करता है।
दिल्ली स्थित इनके आनन्दधम आश्रम में अस्पताल मौजूद हैं जहां गरीब व्यक्तियों को मुफ्त चिकित्सा सेवा उपलब्ध करायी जाती है। अन्य आश्रमों में भी बुजुर्गों एवं गरीबों के लिए विशेष सुविधाओं की व्यवस्था की गयी है।
इस संवाद में श्रीमती सुदेश भारद्वाज, डॉ. बी के सूद, डॉ. कृष्णा सूद, बिजय उप्पल समेत कई यजमान सम्मिलित हुए।