*कृषि विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली छह दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने समझाई बारिकियां*
वैज्ञानिकों ने जानी इडक्शन शिविर में विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली
छह दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने समझाई बारिकियां
पालमपुर। चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय में नव नियुक्त वैज्ञानिकों के लिए छह दिवसीय नव प्रशिक्षण (इडक्शन) शिविर संपन्न हुआ। नव प्रशिक्षण के दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, वित्त नियंत्रक, डीन, निदेशकों और अन्य अधिकारियों ने वैज्ञानिकों के साथ संवाद करते हुए उन्हें विश्वविद्यालय के अधिदेश, उद्देश्यों और कामकाज को लेकर अवगत कराया। इस दौरान प्रतिभागियों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों, आचरण और छुट्टी नियमों, कार्यालय प्रक्रियाओं और अभिलेखों, विश्वविद्यालय अधिनियम और विधियों, वित्तीय प्रबंधन प्रणाली, बेहतर लेखा परीक्षा सेवाओं के लिए दिशानिर्देश आदि के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की गई।
उनकी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए उन्हें भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी)और भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई)की उच्च शिक्षा, मान्यता और रैंकिंग मानदंड आदि को विनियमित करने में भूमिका के बारे में जागरूक किया गया। विशेषज्ञों ने पाठ्यक्रम डिजाइनिंग और शिक्षण, पुस्तकालय सेवाओं, छात्र कल्याण गतिविधियों, अनुसंधान के प्रमुख क्षेत्रों और अनुसंधान परियोजना प्रस्तावों के निर्माण, विस्तार रणनीतियों और कृषि विज्ञान केंद्र के कामकाज, सूचना का अधिकार अधिनियम, ई-ऑफिस और शैक्षणिक प्रबंधन प्रणाली, आदि के बारे में विस्तार से बताया। विश्वविद्यालय में जनसंपर्क और मीडिया प्रोटोकॉल और स्वास्थ्य सेवा पर विशेष व्याख्यान भी आयोजित किए गए।
अंत में, प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया और मूल्यांकन पर भी एक सत्र आयोजित किया गया। प्रशिक्षण का उद्घाटन 22 अगस्त को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विस्तृत व्याख्यान के साथ कुलपति प्रोफेसर एच के चौधरी द्वारा किया गया था। समन्वयक डॉ पवन कुमार शर्मा ने बताया कि इस अति आवश्यक एवं उपयोगी प्रशिक्षण के लिए 77 शिक्षकों ने भाग लिया। इस प्रशिक्षण के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया।