*Mr.निगम पालमपुर*
Mr.निगम पालमपुर
पालमपुर का नाम जबसे Mr निगम पड़ा है तब से यह विवादों के घेरे में ही रहा है। मसला चाहे कूड़ा उठाने का हो या सफाई का हो या कूड़ा निष्पादन का हो या स्ट्रीट लाइट का हो या फिर लोगों को सुविधाएं प्रदान करने का मसला हो, यहां पर कोई ना कोई विवाद चलता ही रहता है ।
अभी नगर निगम पालमपुर में करोड़ों रुपए की स्ट्रीटलाइट्स लगाई जा रही हैं जो की विवादों के घेरे में है ।
ना जाने निगम प्रशासन या निगम शासन क्यों इतने ढील बरत रहा है कि जो भी लाइट्स लग रही है वह अधिकतर जल नहीं रही हैं ।और यह लाइट किस हिसाब से लगाई जा रही हैं कोई नियम कायदा है या नहीं है शायद किसी को कोई पता नहीं ।कहीं पर तो यह लाइट्स 10 फीट की दूरी पर लगाई जा रही है और कहीं पर 300- 400 फीट की दूरी पर भी नहीं लगाई जा रही है कहीं पर पुरानी लाइट्स के नीचे नहीं लाइट्स लगा दी जा रही है । किसी किसी ने लाइट का फोकस सड़क के बजाए अपने घर की ओर कर लिया है किसी ने अपने बाउंड्री वॉल और गेट के अंदर लगा ली हैं और कहीं कहीं पर यह है आमने सामने लगी पड़ी है ।
यह किस तरह का समीकरण बिठाया जा रहा है ?भगवान ही जाने .. इसमें भगवान भी क्या जाने.. क्यों की एक कहावत है जिसकी चलती उसकी क्या गलती?
और जो लाइट लगी हुई है वह भी अधिकतर जल नहीं रही है जबकि अभी यह कार्य प्रगति में ही है ,और शायद गारंटी पीरियड में भी होगा ,कहीं-कहीं तो लाइट लगने के बाद 1-1 बार भी नहीं जली😢 लोगों का कहना है कि संबंधित महानुभावों को इस विषय में बताया गया परंतु कोई कार्यवाही नहीं हो रही ।
अभी 2 दिन पहले ही बैंक के एक बहुत बड़े अधिकारी ने जो सुबह सुबह सैर करने निकले होंगे कुछ फोटोस डाली है कि उनके एरिया में कम से कम 25 लाइट बिल्कुल नहीं चल रही है अब जब इतना बड़ा बैंक अधिकारी सुबह 5:00 बजे उठकर सैर को जाते हुए इतनी फोटो खींचकर किसी पत्रकार को भेज रहे हैं तो उसका मतलब है कि सचमुच में परेशानी है ।यह कोई आम आदमी नहीं एक जिम्मेवार ऑफिसर हैं, अगर अपना समय निकाल कर फोटो खींच कर मीडिया में शेयर कर रहे हैं तो इसका सीधा सा मतलब है कि कुछ ना कुछ तो गड़बड़ झाला है।
यह सभी चित्र बैंक अधिकारी द्वारा प्रेषित किए गए हैं
“लोगों का कहना है कि ना जाने ऐसे निगम ने ऐसे लोगों को क्यों पाला है जो कम्पनियों की इस तरह की लापरवाही करने के बावजूद भी संबंधित कंपनी या कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई नहीं कर रही ।अभी तो यह लाइट लग रही है और गारंटी पीरियड में भी है ,तभी निगम का इतना लचीला रवैया है, जब यह गारंटी पीरियड से बाहर हो जाएंगी तो आप यह बात लिख कर ले लीजिए कि यह मेंटेन नहीं कर पाएंगे और ना ही इनकी रिपेयर हो पाएगी “।
नगर निगम को चाहिए कि वह इस विषय में शीघ्र कार्यवाही करे और जहां जहां पर भी शिकायतें आ रही हैं वहां पर अगली लाइट्स लगवाने के बजाय पहले पिछले लाइट्स को ठीक करवाएं ताकि कंपनी अपना बोरिया बिस्तर समेटने से पहले सभी लाइटों को जलाकर जाए, और लोगों को जो सुविधा करोड़ों रुपए खर्च कर देने की बात की जा रही है वह सुविधा कुछ दिनों या महीनों तक तो मिल सके। वरना यह स्ट्रीट लाइट सफेद हाथी साबित होने वाली है।
यहां के नागरिकों का मानना है कि नगर निगम को चाहिए कि वह कंपनी पहले पिछली खराब पड़ी लाइटों को ठीक करवाये, फिर उसे आगे काम करने की इजाजत दी जाए ,जिससे सरकार का नुकसान होने से बच जाए। कहीं ऐसा ना हो कि कंपनी लाइटस लगाकर अपना बिल लेकर निकल ले और बाद में यह लाइटें ना तो ठीक हों और ना ही यह जल पाए।
मै तो कब से इस बात के लिए फेसबुक पर सोशल मीडिया के रास्ते लोगों को सतर्क कर रहा हूं और इन्फॉर्म कर रहा हूं स्ट्रीट लाइट में धांधली बाजी हुई है.
निगम में सारे पार्षद कांग्रेस के हैं लेकिन जो एक या दो पार्षद बीजेपी की तरफ से back door entry आए हैं उनके सामने इन कांग्रेस के पार्षदों की एक नहीं चलती. Sughar मैं तो बुरा ही हाल है भाजपा पार्षद उधर की ही है.
बीजेपी के पार्षद अपनी मर्जी करते हैं और अपने रूआब से रहते हैं जो bjp पार्षद हैं उनके साथ जिनके संबंध अच्छे हैं उनके घरों में, खेतों में ,गार्डंस में लाइट्स लग रही है .आम जनता का पैसा भाजपा के पार्षद अपने खुद पर और अपने रिश्तेदारों पर लुटा रहे हैं कोई सुनवाई नहीं है, कांग्रेस के विधायक आशीष butail भी इस बात पर मौन बैठे हैं.
बहुत दुखद बात है सरेआम लूट खासूट मच रही है लेकिन कोई कुछ नहीं कर रहा है.
मेरा भारत महान