*ब्रिटेन में 70 वर्ष तक के सबसे लंबे समय तक राज करने वाली Queen Elizabeth का दिलचस्प किस्सा।राकेश कोरला HAS*
ब्रिटेन में 70 वर्ष तक के सबसे लंबे समय तक राज करने वाली Queen Elizabeth (II )का गुरुवार को स्कॉटलैंड के बालमोरल कैसल ( Balmoral Castle ) में निधन हो गया। वो हर वर्ष अगस्त से अक्टूबर तक का समय वहीं बिताती थीं।
महारानी 1961 के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थी और उन्होंने गणतंत्र दिवस की परेड का निरीक्षण भी किया था। चूंकि भारत को आजाद हुए उस वक्त कुछेक साल ही हुए थे इसलिए उनको बुलाने के लिए माननीय श्री जवाहर लाल नेहरू जी के खिलाफ विरोध के स्वर भी उठे थे ।
बाबा नागार्जुन ने उस वक़्त कहा था ,
” आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी,
यही हुई है राय जवाहरलाल की,
रफ़ू करेंगे फटे-पुराने जाल की ,
यही हुई है राय जवाहरलाल की।
आओ रानी, हम ढोएँगे पालकी! ”
रानी के बारे में कई किस्से मशहूर हैं।
उनके सुरक्षा अधिकारी Richard Griffin के अनुसार एक बार महारानी बालमोरल कैसल ( Balmoral Castle ) के नजदीक Aberdeenshire में घूम रही थीं और वो भी उनके साथ थे। तभी महारानी को कुछ अमरीकी पर्यटक आते हुए दिखाई दिए जो वहाँ छुट्टियाँ मनाने आये हुए थे ।महारानी ने , जैसे कि उनकी आदत थी , उनका मुस्कुरा कर अभिवादन किया। महारानी ने उनका हाल चाल पूछा और यह भी पूछा कि वो कहाँ से आए हैं।
उन्होंने महारानी को नहीं पहचाना था और पूछा कि वो कहाँ रहती हैं । महारानी ने उन्हें बताया कि वो लंदन में रहती हैं मगर उनका यहाँ भी घर है । उनमें से एक ने पूछा कि वो कितने वर्षों से वहाँ आ रही हैं तो महारानी ने उन्हें बताया कि वो पिछले 80 वर्षों से वहाँ आ रही हैं।
उन पर्यटकों ने जिज्ञासावश पूछा , ” तब तो आप महारानी से भी मिली होंगी ?”
” मैं तो उनसे नहीं मिली हूँ मगर Richard Griffin उनसे अक्सर मिलते रहते हैं ।” महारानी ने यह कह कर उनकी जिज्ञासा और बढ़ा दी।
उन्होंने Richard Griffin से पूछा कि महारानी कैसी दिखती हैं और उनका स्वभाव कैसा है ?
Richard Griffin सुनाते हैं कि उन्होंने उनको बताया कि वैसे तो कभी- कभी महारानी बहुत खड़ूस सी लगती हैं मगर उनका स्वभाव बहुत मजाकिया है।
उन पर्यटकों ने महारानी को अपना केमरा पकड़ा कर Richard Griffin के साथ उनका फोटो खींचने का अनुरोध किया। बाद में उन्होंने महारानी के साथ भी फोटो लिया।
उनके जाने के बाद महारानी ने Richard Griffin को कहा कि , ” जब वो अपने मित्रों को ये फोटो दिखायेंगे तो उस समय मैं भी वहाँ होकर उनकी प्रतिक्रिया देखना चाहती हूँ क्योंकि कोई न कोई तो मुझे पहचान कर उन्हें सच्चाई बता ही देगा ।”
क्या हम अपने देश में किसी छोटे नेता से भी ऐसे व्यवहार की अपेक्षा कर सकते हैं ?
यहाँ तो कुर्सी पर चढ़ते ही ‘ खुदा ‘ बन जाते हैं।
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बरसात जाने को है , मॉनसून कमजोर, पड़ रहा है , पानी कम बरस रहा है। मगर आजकल किसी और चीज की बरसात हो रही है। ‘गारंटियां ‘ बरस रही हैं। इतनी ‘ गारंटियां ‘ कि कुबेर का खजाना भी खाली हो जाए , अपने प्रदेश और अन्य प्रदेशों का तो पहले ही खाली है।
क्यों न हम ‘ गारंटियां ‘ देने वालों से इस बात की गारंटी लें कि सब ‘ गारंटियां ‘ पूरी भी होंगी ?
वैसे इस वक्त तो यह गारंटी भी मिल जाएगी।
माले मुफ्त , दिले बेरहम !
Rakesh Korla HAS
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