*कांग्रेस की 150 दिन की पद यात्रा :लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल सरकार*
14 सितंबर 2022- ( कांग्रेस की 150 दिन की पद यात्रा )- राहुल गांधी के नेतृत्व मे कांग्रेस की महत्वाकांक्षी पद यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। लगभग 150 दिन चलने वाली इस यात्रा के बारे मे शुरुआती 5 दिनो मे निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी। मैने उन सभी समाचारो और लेखो का अवलोकन किया जो इस यात्रा के विषय मे छ्प रहे है। हालांकि इस यात्रा को लेकर कांग्रेस कोई सटीक ऐजंडा जनता के सामने नही रख पा रही है। जैसे 1990 मे अडवानी जी रथ यात्रा पर निकले थे तो उनका सटीक ऐजंडा और उदेश्य था हिन्दू जागरण और राम मंदिर का निर्माण। हालांकि मंदिर निर्माण का रास्ता साफ होने मे तीस साल लग गए लेकिन भाजपा को उस यात्रा के बाद हिन्दु मतदाताओ का जबरदस्त समर्थन मिलने लगा। खैर पहले शुरुआती 5 दिनो जो समर्थन कांग्रेस की इस यात्रा को मिल रहा है उस समर्थन से कांग्रेस को अधिक उत्साहित होने की जरूरत नही है ।क्योकि यह यात्रा अभी तमिलनाडू के कन्याकुमारी और केरल के तिरुवनंतपुरम जिलो से गुजरी है।दोनो कांग्रेस के अपेक्षाकृत मजबूत इलाके है। इस यात्रा का भारत जोडो नाम देना या तो पहेली है या फिर भाजपा पर अप्रत्यक्ष आरोप लगाते हुए कटाक्ष है। यह भाजपा पर कटाक्ष है मेरे इस तर्क के समर्थन मे पुख्ता सबूत के तौर पर इस खबर को जोड़कर देख सकते हो कि “कांग्रेस ने ट्वीट की खाकी निकर मे आग लगी तस्वीर ” स्मरण रहे कुछ पहले तक खाकी निकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का ड्रैस कोड हुआ करता था। मेरे विचार मे इस प्रकार के ट्वीट यात्रा के असली उद्देश्य से यात्रा को भटका सकते है। सटीक ऐजंडे और उद्देश्य की गैर हाजिरी मे इस यात्रा को राहुल की छवि निर्माण के प्रयास के तौर पर भी देखा जा सकता है। 3500 किलोमीटर की लम्बी यात्रा राहुल को छवि सुधारने के लिए नया प्लेट फार्म दे सकती है। अभी तक उन पर विदेश की यात्राए ही करने का आरोप है। यह यात्रा उस आरोप को धो सकती है। लगातार 5 महिने तक पैदल चलना और सहयात्रीयो के उत्साह को बनाए रखना अति कठिन कार्य है। खबरो मे बने रहने के लिए यात्रा के प्रबंधको और राहुल गांधी को हर रोज कुछ नया तलाशना होगा। मेरे विचार मे कांग्रेस आई टी विभाग को निकर जैसे विवादित ट्वीट से बचते हुए यात्रा के सकारात्मक प्रचार और जनता के कोर मुद्दो पर फोकस करते हुए प्रचार करना चाहिए। आज इतना ही कल फिर नई कडी के साथ मिलते है।