*भाजपा_2024_के_लोकसभा_चुनाव_मे_भ्रष्टाचार_को_बड़ा_मुद्दा_बनाने_का_विचार_रखती_है*
03 मार्च 2023- (#भाजपा_2024_के_लोकसभा_चुनाव_मे_भ्रष्टाचार_को_बड़ा_मुद्दा_बनाने_का_विचार_रखती_है)-
प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक मे छपी एक रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि आने वाले लोकसभा चुनाव मे भाजपा भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बना कर उसे चुनाव मे भुनाने का प्रयास कर सकती है। आज कल इस मुद्दे के लिए जमीन तैयार की जा रही है। भाजपा के लिए विरोध पक्ष के नेताओं को भ्रष्टाचार के लिए घेरना इसलिए भी सरल है क्योंकि आठ वर्ष से अधिक केन्द्र मे भाजपा सरकार है, लेकिन विपक्ष सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई गंभीर आरोप सीधे तौर पर लगाने या ढूंढ पाने मे असफल रहा है। दूसरी ओर केन्द्रीय जांच ऐजेंसियां लगातार विपक्ष के नेताओं को भ्रष्टाचार के मामलों मे आरोपित कर रही है और कुछ नेताओं को तो गिरफ्तार तक किया जा चुका है।
#स्मरण_रहे —
(1) दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री और एक कैबिनेट मंत्री जेल मे बंद है।
(2) राजस्थान के मुख्यमंत्री के भाई अग्रसेन गहलोत और उनके 14 साथियों के खिलाफ सीबीआई खाद मामले मे केस दर्ज कर चुकी है।
(3) छत्तीसगढ़ मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सहायक, दविंदर यादव विधायक और कांग्रेस कोषाध्यक्ष राम गोपाल के खिलाफ कोयले के मामले मे ईडी ने केस दर्ज किया है।
(4) कर्नाटक के कांग्रेस चीफ डी के शिवाकुमार मनीलांड्रिन्ग के केस मे जमानत पर चल रहे है। महाराष्ट्र मे एन सी पी के दो पूर्व मंत्री जेल की हवा खा चुके है। शिवसेना के संजय राऊत को भी जेल मे डाला गया था। हालांकि वह अदालत से राहत पाने मे सफल रहे है।
(5) सीबीआई तेलंगाना के मुख्यमंत्री की बेटी के कविता राओ से दिल्ली एक्साइज नीति को लेकर पूछताछ कर चुकी है और चर्चा है उन्हे कभी भी गिरफ्तार किया जा सकता है।
भाजपा के रणनीतिकार चुनाव मे इन नेताओं के खिलाफ लगे आरोपों को जनता मे ले जाकर चुनाव मे भ्रष्टाचार को बड़ा मुद्दा बनाने की रणनीति बना रहे है। विपक्ष के नेता इस कारवाई को राजनैतिक प्रतिशोध से की गई कार्रवाई बता रहे है, लेकिन अभी तक उन्हे न्यायालय से क्लीन चिट लेने मे सफलता नहीं मिली है। विपक्ष भाजपा पर और मोदी सरकार पर केवल नजदीकी कार्पोरेट के लोगो को मदद करने का आरोप लगा रहा है, लेकिन अभी तक अदालत के सामने ऐसे सबूत देने मे असफल रहा है कि शीर्ष अदालत जांच के आदेश दे सके। भाजपा की यह रणनीति कितनी सफल होती है यह देखने के लिए हमे लोकसभा के चुनाव परिणाम का इतंजार करना होगा।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।