*अग्निपथ को लेकर जो विरोध हो रहा है वह राजनीति से प्रेरित लगता है* महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश*

18 जून 2022- (#अग्निपथ_योजना_को_लेकर_हो_रहा_विरोध_राजनीति_से_प्रेरित_लगता_है) —

अग्निपथ को लेकर जो विरोध हो रहा है वह हिंसक हो गया है। हिंसक विरोध के चलते बिहार मे ट्रेन फूंकी और हरियाणा मे दो की मौत हो गई। इस योजना के पक्ष और विपक्ष मे तर्क वितर्क किए जा सकते है लेकिन एक रोजगार देने वाली योजना का हिंसक विरोध किसी भी शांति पसंद नागरिक के लिए निराश करने वाला ही होगा। इस योजना को लेकर कुछ शंकाएं हो सकती है, लेकिन उनका जवाब हिंसक आन्दोलन नहीं हो सकता। इसके लिए योजना और योजना के तथ्यों को समझना होगा। जैसे विरोध हो रहा है वह पूरी तरह राजनीतिक लगता है। ऐसा लगता है कि कुछ लोग राजनीति से प्रेरित हो कर इस आन्दोलन को हवा दे रहे। सरकार को भी नौजवानो से संवाद करना चाहिए और उनकी भ्रातियां दूर करनी चाहिए। अभी इस योजना को लेकर बहुत सी भ्रांतियां भी है और अफवाहों का बाजार भी गर्म है। सरकार ने कुछ स्पष्टीकरण दिए भी है। एक जानकारी के अनुसार 2022 मे होने वाली भर्ती के लिए कोविड के कारण अधिकतम आयु 23 वर्ष होगी। इस अफवाह को भी खारिज किया गया है कि रैजिमैटल बॉन्डिंग प्रभावित होगी। इन अग्निवीरों के वेतन और भत्तों का जिक्र मै अपने पहले ब्लॉग मे कर चुका हूँ।
कुल मिला कर सेवानिधि सहित सरकार चार वर्ष मे अग्निवीरों पर लगभग 25 लाख रुपए खर्च करेगी। सेवानिधि के तौर पर मिलने वाली रकम 11.71 कोई कम रकम नहीं है। इस रकम से स्वरोजगार के अवसर खोजे जा सकते है। इन अग्निवीरों को पुलिस, सी आर पी एफ और बी एस एफ मे प्राथमिकता दी जाएगी। 25% अपनी योग्यता के बल पर नियमित सेना मे 15 वर्ष के लिए चुन लिए जाएंगे। सरकार इन अग्निवीरों की शैक्षणिक योग्यता मे सुधार के लिए योजना लेकर आ रही है। स्मरण रहे 80 देशों मे नौजवानों को सैन्य ट्रेनिंग दी जाती है। इस ट्रेनिंग के बाद अनुशासित नौजवान समाज और देश की सेवा के लिए उपलब्ध होंगे। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार सालाना 45000 से 50000 अग्निवीरों की भर्ती की जाएगी। समय के साथ इसकी कमियों को दूर किया जा सकता। सरकार नौजवानों को अपने भविष्य को लेकर जो भ्रम है उन्हे दूर करे और उनके सुरक्षित भविष्य के लिए उन्हे आश्वस्त करें।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है। लेखक महेंद्र नाथ सोफ़त पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार