

हम
वास्तविकता यह है कि हम भारतीय नागरिक स्वयं ही चिकित्सिक , जज , वकील , जांच कर्ता , सलाहकार और न जानें क्या क्या हैं । किसी को भीं अपनी कोई शारीरिक तकलीफ़ बताओ वो नुस्खा लेकर हाजिर रहता है जैसें बहुत बड़ा आयुर्वेद या एलोपैथ हो । आप की हर मर्ज का ईलाज हर नागरिक के पास है । रही सही कसर बावा लोग पूरी कर देते हैं । झोला छाप तो एक अलग तबका है लेकिन नियम यह है आयुर्वेद या एलोपैथिक दवा वो ही दे सकता है जो इसमें शिक्षा प्राप्त हो लेकिन बावा लोगो को , तांत्रिको और मांत्रिको को इससे छूट है उन पर कोई नियम लागू नहीं होता , कुछ तो मिठाई आदि बता कर भी इलाज कर देते हैं और कुछ टेलीफोन पर सांप काटे का ईलाज कर देते है सरकार ने फिजूल में मेडिकल और आयुर्वेदिक कालेज खोल रखे है और फिजूल में एम्स ।
जज हर कोई व्यक्ति स्वयं में अदालत और जज है । कोई भी आरोप प्रत्यारोप हो हर कोई जज बन कर क्लीन चिट या फिर आरोपी को अपराधी घोषित कर देता है । ताजा उदाहरण पहलवान लड़कियों का है , उन्होंने आरोप लगाए मजिस्ट्रेट के सामने व्यान भी दे दिए लेकिन जिस पर आरोप लगे है उसको आधे लोग क्लीनचिट और आधे अपराधी घोषित करने में लगे है स्वय ही अदालत और खुद ही जज और सरकार गैरहाजिर । ऐसा यह ही मामला नही बहुत से मामलो में आप देखोगे और सुनोगे तो पाएंगे की हर आदमी जज बना फिरता है ।
वकील भी हर आदमी है , पति पत्नी के झगड़े से लेकर पड़ोसी के झगड़े तक और नेतायों की तू तू मैं तक सभी हल के लिए वकील बन जाते हैं और आपको बिन मांगी कानूनी सलाह दे कर समझोते की सारी कवायद रद्द कर देते है । आप की विनम्रता को खा जाते है और दुश्मनी को जागृत कर देते है । कानून की कुछ धाराएं भी बता देंगे और जमीन पर कब्जे की सलाह भी दे देंगे ।
जांचकर्ता भी हर भारतीय नागरिक है , ब्लातकार हो हत्या हो डकैती हो सभी जांच कर्ता बन जाते है और अपनी अपनी जांच से सवाल खडे कर के सीबीआई हो या सीआईडी हो को नालायक सिद्ध कर देंगे टीवी चैनल के एंकर इस मामले में सबसे बडे़ जांचकर्ता के रूप में उभरते है , आरोप लगे नही कि आनन फानन में जांच करके टीवी पर मुक्कदमा शुरू करके सजा की मांग शुरू हो जाती है । किसी भी जांच के परिणाम से पहले अधिकांश नागरिक अपनी जांच का परिणाम रख देते हैं । यह लेख बहुत लम्बा हो सकता है बाकि फिर किसी दिन अन्य मुद्दों पर भी विचार व्यक्त करूंगा । उम्मीद है यह लेख मनोरंजन के साथ आप को जागरूक भी करेगा ।
