*मरीज के मसीहा डॉ जयदेश राणा MD Medicine अपने पद से हो रहे हैं रिटायर!*
मरीज के मसीहा जयदेश राणा अपने पद से हो रहे हैं रिटायर!
सिविल हॉस्पिटल पालमपुर के डॉक्टर जयदेश राणा 31 अगस्त को रिटायर होने जा रहे हैं जिसका इस अस्पताल में आने वाले मरीजों को काफी हतोत्साहित हैं कि वह इतनी जल्दी अपने पद से सेवानिवृत हो रहे हैं ।
हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार ही वह रिटायर हो रहे हैं लेकिन मरीज नहीं चाहते कि डाक्टर राणा कभी भी अपने पद से अपनी सेवा से निवृत हों और वह उनकी सेवाओं से वंचित हो जाए ।
डॉक्टर जयदेश राणा पालमपुर की एक ऐसी शख्सियत है जो सेवा व त्याग की मूर्ति मानी जाती है जो ना कभी थकती है और ना कभी रूकती है । डॉ राणा को किसी भी मरीज की इमरजेंसी का पता चलना चाहिए वह नहीं देखते कि यह दिन है या रात है सुबह है या शाम है, अस्पताल से जब कभी भी उन्हें फोन गया सर्दी हो या गर्मी आंधी हो या तूफान बर्फ या बरसात वे अपने आराम को त्याग कर एकदम से मरीज की सेवा में हाजिर हो जाते हैं। हॉस्पिटल का मेडिकल स्टाफ हो या अन्य स्टाफ सब डॉक्टर जयदेश राणा की सेवाओं के उनके व्यवहार के उनकी बोलचाल के बहुत मुरीद हैं ।उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान दिखाई देती है गुस्सा उनके चेहरे पर कभी आए ऐसी गुस्से की कभी हिम्मत नहीं हुई ।
मरीज के लिए वह देवता स्वरूप है जिसके पास आकर लोग उसके व्यवहार से खुद को राहत में महसूस करते हैं ।वह मरीज को इतनी तसल्ली और विश्वास से देखते थे कि मरीज को दवाई से ज्यादा उनके व्यवहार और उनके इलाज पर ज्यादा विश्वास है। कुछ मरीज तो ऐसे होते थे जो उनके पास अक्सर 4:00 बजे के बाद ही आते थे जबकि अस्पताल का समय 4:00 बजे तक का होता है लेकिन उन्हें यह विश्वास होता है कि डाक्टर राणा उन्हें देखकर ही अपनी सीट से उठेंगे, इसके लिए चाहे उन्हें 6 बजें या 7 ।
हॉस्पिटल मे कोई इमरजेंसी हो रात के 2:00 बजे हो, जयदेश राणा हमेशा उपलब्ध रहते हैं।
इतना ही नहीं उन्होंने अपने घर में भी चैन की बांसुरी नहीं बजाई अपने घर पर लोगों को फ्री ओपीडी की सेवाएं दे रहे हैं, उसमें फ्री दवाइयां दे रहे हैं ।
सुबह हॉस्पिटल जाने से पहले एक-दो घंटा वह अवश्य अपने घर के प्रांगण में फ्री सेवाएं देते हैं ।शाम को भी अस्पताल से छुट्टी करने के बाद भी अगर समय बचे तो वह वहां पर मरीजों को देखते हैं तथा मरीज को फ्री देखने के साथ-साथ फ्री दवाइयां भी दे देते हैं ।
अपने प्रोफेशन के प्रति इतनी अधिक डेडीकेशन शायद ही किसी प्रोफेशनल में हो। डेडीकेशन जब जनून की हद से गुजर जाए तो वह सेवा नहीं बल्कि एक ईश्वरीय शक्ति का ही परिणाम होता है। शायद डॉक्टर जयदेश राणा को भी ईश्वर की तरफ़ से कुछ ऐसी शक्ति मिली है जिसकी वजह से वह इतना अधिक कार्य कर पाते हैं।
अपनी ओपीडी देखने के साथ-साथ पिछले कई वर्षों से एस एमओ का चार्ज भी देख रहे हैं जिसे वह बहुत ही अनुशासित और उम्दा तरीके से निभा रहे हैं। क्योंकि वह अस्पताल के सबसे वरिष्ठतम चिकित्सक हैं इसलिए उन्हें ओपीडी के साथ-साथ वरिष्ठ कम होने के नाते SMO भी जिम्मेदारी दी गई है। वह उच्च श्रेणी के चिकित्सक होने के साथ-साथ ही एक कुशल प्रशासक के रूप में भी उभरे हैं और यह इस कारण से हुआ है कि वह इस अस्पताल में पिछले कई वर्षों से कार्य कर रहे हैं और प्रत्येक स्टाफ और उसकी समस्या तथा प्रशासनिक कमियों और खामियों को अच्छी तरह से समझते हैं और उसका उसी के हिसाब से निवारण कर रहे हैं, जिससे उनकी इस प्रशासकीय क्षमता से हॉस्पिटल का पूरा स्टाफ खुश है। और स्टाफ ने उम्मीद जताई है कि अब जो अगला एस एमओ होगा वह भी हमारे हॉस्पिटल के सबसे सीनियर चिकित्सकों में से एक होगा जो हमारे हॉस्पिटल की अंदरुनी कमीयों और खूबियां को अच्छी तरह से पहचानता हो और उसी के हिसाब से प्रशासनिक सुधार करेगा, जैसा कि जगदीश राणा के समय में काफी प्रशासकीय सुधार देखने को मिला ।
चिकित्सा अनुसंधान और प्रौद्योगिकी में नवीनतम प्रगति से अपडेट रहने के लिए वह नियमित रूप से चिकित्सा सम्मेलनों और कार्यशालाओं में भाग लेते हैं। डॉ. जयदेश राणा विभिन्न चिकित्सा स्थितियों पर शोध अध्ययन भी करते हैं और चिकित्सा ज्ञान में योगदान देने के लिए चिकित्सा पत्रिकाओं में अपने निष्कर्ष प्रकाशित करते हैं। निष्कर्ष डॉ. जयदेश राणा व्यापक चिकित्सा विशेषज्ञता, स्वास्थ्य सेवाओं को आगे बढ़ाने के प्रति समर्पण। उनकी और दयालु रोगी देखभाल ने एक उच्च कुशल और सम्मानित सामान्य चिकित्सक के रूप में अच्छी प्रतिष्ठा अर्जित की। व्यक्तिगत देखभाल प्रदान करने और अपने रोगियों के जीवन को बेहतर बनाने की उनकी प्रतिबद्धता उन्हें चिकित्सा समुदाय का एक अमूल्य सदस्य बनाती है।
जयदेश राणा अपने नियमित सेवा से तो सेवा निवृत हो रहे हैं परंतु लोक सेवा में अभी भी संलग्न रहेंगे।
मरीजों को वह क्या सुविधा और सेवा देंगे, किस तरह से देंगे यह तो अभी भविष्य के गर्भ में छुपा है परंतु जिसके मन में सेवा भाव हो वह कभी खाली नहीं बैठता और अपने अनुभवों तथा अपने एक्सपर्टीज का लाभ लोगों को प्रदान करता रहता है ।
डॉक्टर जयदेश राणा की सफल कामयाब और उद्देश्य पूर्ण रिटायर्ड लाइफ के लिए ट्राई सिटी टाइम्स की हार्दिक शुभकामनाएं ।
रियली डेडीकेटेड डॉक्टर to प्रोफेशन सच मुच मरीजों के मसीहा है यह डॉक्टर
रिटायरमेंट सर्विस का एक पहलू है मगर जो सेवाएं देकर डाक्टर जयदेश राणा जी ने एक इतिहास रचा है वो पालमपुर हॉस्पिटल के इतिहास में एक स्वर्ण अक्षरों बाला पन्ना होगा , इन्होंने बारह से सोलह घंटे विमारों की सेवा में हंसमुख होकर समर्पित कर ये दिखा दिया की वास्तव में ही डाक्टर भगवान का दूसरा रूप है , मेरे ख्याल में इनकी अमूल्य सेवाएं हमें इनकी सेवा निवृत्ति के बाद भी मिलती रहेंगी , मेरी ओर से अग्रिम बहुत बहुत बधाई एवं भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं
सूद साहब! आपसे मेरी एक गुजारिश रहेगी कि हम सब मिलकर ट्राइसिटी टाइम्स के माध्यम से एक प्रार्थना पत्र विधायक श्री आशीष बुटैल जी के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी को दें कि डाक्टर राणा जी की सेवाओं और इनकी जरूरत को देखते हुए इनको तुरंत प्रभाव से सेवा विस्तार दिया जाए
डॉ लेखराज मोरिंडा