*पहली अक्टूबर को धर्मशाला में प्रस्तावित पूर्व सैनिक लीग के प्रदेश अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा ने दावेदारी जताई*



पहली अक्टूबर को धर्मशाला में प्रस्तावित पूर्व सैनिक लीग के प्रदेश अध्यक्ष पद पर सेवानिवृत्त मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा ने दावेदारी जताई है। सैनिक लीग पालमपुर से जुड़े जनरल राणा ने पूर्व में लीग कार्यकारिणी पर भी सैनिक हकों को उठाने में विफलता का आरोप भी लगाया है। पालमपुर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि पूर्व सैनिक लीग का गठन 5 जुलाई 1975 को सैनिकों की समस्याओं को हल करने के लिए हुआ था। वहीं इसका विस्तार जोन, जिला व उपमंडल स्तर पर किए जाने का प्राविधान किया गया था। उन्होंने बताया कि स्वार्थ के चलते पिछले 40 वर्षों में लीग के चुनाव लोकतांत्रिक तरीके से आयोजित नहीं करवाए गए और न ही संविधान के अनुसार जिला व उपमंडल स्तर पर यूनिट का गठन हो पाया है। उन्होंने हैरानी जताई कि प्रदेश भर के एक लाख 65 हजार 827 पंजीकृत पूर्व सैनिकों के लिए मात्र 25 यूनिट्स की गठित हो पाई है। इसमें जिला कांगड़ा में 71000 पूर्व सैनिकों के लिए 16, हमीरपुर में 30 हजार सैनिकों के लिए एक, मंडी के 20 हजार सैनिकों के लिए 4, सोलन में 10000 सैनिकों के लिए एक, ऊना के 5000 सैनिकों के लिए एक, बिलासपुर के 11500 सैनिकों के लिए एक, कुल्लू के एक हजार सैनिकों के लिए एक यूनिट का गठन हो पाया है। जबकि शिमला के 5000 सैनिकों, सिरमौर के 4100 सैनिकों और किन्नौर के 563 पूर्व सैनिकों के लिए कोई भी पूर्व सैनिक लीग का गठन नहीं हो पाया है। ऐसे में इन पूर्व सैनिकों को अपनी समस्या उठाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जनरल राणा ने कहा कि पूर्व सैनिकों के हकों की रक्षा में गठित पूर्व सैनिक लीग अपने लक्ष्य और उद्देश्य को पूरा नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पूर्व सैनिक लीग को मिलने वाली केंद्र व प्रदेश की ग्रांट का भी कोई हिसाब नहीं रखा जाता और न ही इस संबंधित पूर्व सैनिक लीग को आवंटित किया गया हैं। उन्होंने कहा कि लीग के संविधान में पदाधिकारी किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित नहीं होना चाहिए, लेकिन अभी भी अनेकों पदाधिकारी राजनीतिक दलों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि लीग का प्रदेश अध्यक्ष चुने जाने पर कांग्रेस सैनिक संगठन के प्रदेश अध्यक्ष से तुरंत इस्तीफा दूंगा।
जनरल राणा ने कहा कि पूर्व सैनिक लीग की गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा और सभी जिलों में लीग का गठन कर कार्यालय उपलब्ध करवाए जायेंगे। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष बनते ही सैनिक कल्याण निदेशालय में 50 फीसद रिक्त पदों को भरवाया जाएगा। सभी उपनिदेशक कार्यालयों में वाहन दिलवाए जाएंगे। वर्तमान में 11 जिलों के उपनिदेशक कार्यालयों में से मात्र पांच कार्यालयों में ही वाहन सुविधा है।
सीएसडी, ईसीएचएस व सैनिक कल्याण कार्यालयों में समुचित स्टॉफ व तहसील स्तर के 20 कार्यालयों में कोई भी स्टाफ नहीं होने पर पूर्व कार्यकारिणी को दोषी ठहराते हुए जनरल राणा ने कहा कि इसके प्राथमिकता पर प्रयास किए जाएंगे। वहीं कार्यकारिणी में सभी रैंक के पूर्व सैनिकों को बराबर प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। उन्होंने चिंता जताई कि पूर्व सैनिक लीग प्रदेश कार्यकारिणी के नकारात्मक रवैए से पूर्व सैनिकों का विश्वास उठता गया और बिना पंजीकरण के अन्य संगठनों का गठन होता गया। इसे पूरी तरह रोका जाएगा तथा सभी पूर्व सैनिकों को एकजुट किया जाएगा। उन्होंने एक रैंक एक पेंशन योजना की विसंगतियों, नौकरी में सैनिकों का कोटा, प्रदेश में सीएसडी डिपो खोलने सहित अन्य समस्याओं को प्राथमिकता से हल करवाने का भी आश्वासन दिया।
इस मौके पर पालमपुर यूनिट प्रधान सीडी सिंह गुलेरिया, जयसिंहपुर प्रधान कर्नल डीसी राणा, शाहपुर के वरिष्ठ उपप्रधान कैप्टन जनमेज सिंह, बैजनाथ के रश्म चंद कटोच व पालमपुर से सूबेदार पंजाब सिंह आदि मौजूद रहे।