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.*नीतीश_के_लिए_भारत_रत्न_की_मांग* लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री

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7 अक्तूबर 2024 (#नीतीश_के_लिए_भारत_रत्न_की_मांग)–

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देश मे भारत रत्न पुरस्कार सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। हालांकि इस सम्मान देने के लिए जरूर कुछ औपचारिकताएं पुरी की जाती होगीं, लेकिन कुल मिलाकर इसमे केन्द्रीय सरकार की ही मनमर्जी चलती है, क्योंकि इसके लिए कोई मानक तय नहीं है इसलिए इस सर्वोच्च सम्मान को पाने वालो के विषय में कई सवाल भी उठते रहे है। खासकर 2023-2024 मे एक ही वर्ष मे 5 लोगो को इस श्रेष्ठ सम्मान से सम्मानित किया गया था जबकि एक वर्ष मे यह अधिकतम संख्या तीन हो सकती है। यह बात भी काबिलेगौर है यह वर्ष लोकसभा के आम चुनाव का वर्ष था। वह पांच भारतरत्न से पुरस्कृत पाने वाले लोग है डा एम.एस स्वामीनाथन, लालकृष्ण आडवानी, चौधरी चरण सिंह, कर्पूरी ठाकुर और नरसिम्हाराव। अगर इन पांचो नामो का अवलोकन कर समीक्षा की जाए तो एक बात समझ आती है कि इन्हे उस समय इस सम्मान से सम्मानित करने के पीछे केवल और केवल चुनाव मे लाभ लेने की रणनीति ने ही काम किया था। मेरा ब्लॉग इन सभी सर्वोच्च सम्मान प्राप्त करने वालो का आदर करता है, लेकिन जिस जल्दबाजी मे उस चुनावी वर्ष मे यह पुरस्कार दिए गए उससे देश के इस सबसे बड़े सम्मान की गरिमा को ठेस पहुंची है। खैर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने की मांग करते हुए जनता दल (यू) ने शनिवार को राजधानी पटना मे कई स्थानो पर पोस्टर लगाए है।

प्रतिष्ठित अखबार मे छपी रिपोर्ट के अनुसार जनता दल (यू) के नेताओ का कहना है कि नीतीश कुमार भारत रत्न के हकदार है। वह कहते है कि कुमार सबसे लम्बे समय तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे है। अगर उनका यह तर्क मान लिया जाए तो फिर हर राज्य के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले को भारत रत्न देना होगा। मेरी समझ मे जनता दल (यू) के नेता इस सोच के साथ नीतीश के लिए भारत रत्न की मांग कर रहे है कि जब चुनावी लाभ के लिए पांच लोगो को भारत रत्न पुरस्कार दिया जा सकता है तो जिस नीतीश के समर्थन से केंद्रीय सरकार चल रही तो उसका भी हक बनता है। मेरे विचार मे इस प्रकार मांग कर या दबाव बना कर भारत रत्न पाना कदाचित उचित नहीं है। नीतीश कुमार को स्वयं ही अपने समर्थकों को ऐसी मुहिम चलाने से रोकना चाहिए। उन्हे इस मामले मे देश के सम्मानित उद्योगपति रतन टाटा से सीखने की जरूरत है जिनको भारत रत्न मिले ऐसा देश के लाखो लोग चाहते है। जब एक पत्रकार ने रतन टाटा से इस विषय मे सवाल किया तो उन्होने विनम्रतापूर्वक कहा मैने ऐसा कोई विशेष काम नहीं किया है जिससे मुझे सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिले। मेरा मानना है कि नागरिक सम्मान के लिए मानक बनने चाहिए, एक सर्च कमेटी हो और वह नाम सलेक्ट कमेटी को भेजें। वह कमेटी सरकार को सिफारिश करें । उस सिफारिश के आधार पर सभी तरह के नागरिक पुरस्कारों का निर्णय हो।

#आज_इतना_ही।

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