शख्शियत:-*मियां प्रेमचंद जी: आईमा पालमपुर के सादगी और दृढ़ निश्चय की अमिट प्रतिमूर्ति*


मियां प्रेमचंद जी: आईमा पालमपुर के सादगी और दृढ़ निश्चय की अमिट प्रतिमूर्ति

आईमा पालमपुर, जो कभी एक छोटा सा नगर परिषद क्षेत्र था, अपनी साधारण जीवनशैली और लोगों के आपसी जुड़ाव के लिए जाना जाता है। इस नगर परिषद की सीमा मात्र डेढ़ किलोमीटर में सिमटी हुई थी और यहां वोटरों की संख्या 5000 से भी कम थी। जबकि इसके आसपास की पंचायतों की आबादी और क्षेत्रफल कहीं ज्यादा था। इन्हीं में से एक बड़ी पंचायत थी आईमा पंचायत, जो अपने आप में एक महत्वपूर्ण क्षेत्र थी। इसी पंचायत के एक सम्मानित और आदरणीय बाशिंदे थे मियां प्रेमचंद जी।
सादगी और ईमानदारी की अमिट मिसाल
मियां प्रेमचंद जी का जीवन सादगी, सेवा, और ईमानदारी का प्रतीक था। ठेकेदारी के व्यवसाय में होते हुए भी, उन्होंने हमेशा ईमानदारी और नैतिकता को अपने जीवन का आधार बनाया। उनके पास अपने व्यवसाय के माध्यम से अनैतिक तरीकों से संपत्ति अर्जित करने के कई मौके थे, लेकिन उन्होंने कभी भी इन अवसरों का लाभ नहीं उठाया। यदि वे चाहते, तो उस समय करोड़ों की संपत्ति आसानी से बना सकते थे, लेकिन उन्होंने सदैव नैतिकता और सत्यनिष्ठा के मार्ग को चुना।
उनका यह जीवन दर्शन कि नैतिकता के बिना सफलता का कोई अर्थ नहीं है, उन्हें दूसरों से अलग करता था। उन्होंने अपने जीवन में कई बार ऐसे निर्णय लिए जो आर्थिक रूप से नुकसानदायक हो सकते थे, लेकिन उनके लिए सिद्धांत और नैतिक मूल्य हमेशा सर्वोपरि थे। उनका आदर्शवादी दृष्टिकोण और ईमानदारी समाज के लिए एक उदाहरण बन गया।
समाज सेवा और सहानुभूति का अमूल्य भाव
मियां प्रेमचंद जी का स्वभाव परोपकार और सहायता का था। वे हमेशा अपने आसपास के लोगों की सहायता के लिए तत्पर रहते थे। वे अपने पड़ोसियों और जान-पहचान के लोगों के साथ गहरे संबंध रखते थे और उनकी हर छोटी-बड़ी समस्या में मदद करते थे। उनकी अद्भुत स्मरण शक्ति के कारण वे हर व्यक्ति के बारे में विस्तार से जानते थे और हर स्थिति में सही सलाह देने में कभी पीछे नहीं हटते थे।
उनकी यह सेवा भावना और दूसरों के प्रति सहानुभूति ने उन्हें सभी के लिए प्रिय बना दिया। उनकी मददगार प्रवृत्ति ने उन्हें एक ऐसा व्यक्तित्व बना दिया जिसे हर कोई आदर और सम्मान के साथ देखता था।
राजनीतिक संपर्क और नैतिकता का उत्कृष्ट संतुलन
मियां प्रेमचंद जी के राजनीतिक संपर्क भी अत्यधिक प्रभावशाली थे। वे बड़े-बड़े नेताओं से जुड़े हुए थे, लेकिन उन्होंने कभी भी अपने राजनीतिक संपर्कों का व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग नहीं किया। उनकी प्राथमिकता हमेशा समाज की भलाई और लोगों की सेवा रही।
उनकी नैतिकता और सच्चाई ने उन्हें एक ऐसा नेता बना दिया जिसे लोग केवल उनके शब्दों से नहीं, बल्कि उनके कर्मों से भी पहचानते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक संबंधों का उपयोग केवल समाज को बेहतर बनाने के लिए किया और कभी भी व्यक्तिगत लाभ के लिए किसी भी अनुचित कार्य में शामिल नहीं हुए।
शाकाहारी जीवनशैली और धार्मिकता का प्रतीक
मियां प्रेमचंद जी का जीवन पूरी तरह से शाकाहारी और सात्विक था। वे राधा स्वामी सत्संग से जुड़े हुए थे और उनके जीवन में किसी भी प्रकार का नशा या धूम्रपान नहीं था। उनका जीवन उनके धार्मिक विश्वासों और नैतिक मूल्यों का प्रतिबिंब था।
वे हमेशा धार्मिक मार्ग पर चले और कभी भी सत्य और धर्म के मार्ग से विचलित नहीं हुए। उनका यह सात्विक जीवन और उनके धार्मिक आचरण उनके अद्भुत व्यक्तित्व की गहराई को दर्शाता है।
दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वास्थ्य के प्रति सजगता
उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति और स्वास्थ्य के प्रति सजगता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि 85 वर्ष की आयु में भी उन्होंने बाईपास सर्जरी करवाई और इसके बाद स्वस्थ जीवन जिया। उनके चार पुत्र इस बात से चिंतित थे कि इतनी उम्र में यह सर्जरी कैसे होगी, लेकिन मियां जी ने साबित कर दिया कि इच्छाशक्ति के आगे कोई भी समस्या बड़ी नहीं होती। उनकी यह दृढ़ता और साहस वास्तव में प्रेरणादायक है।
एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व और आईमा पालमपुर का गौरव
मियां प्रेमचंद जी का यह आदर्शवादी जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्चाई और नैतिकता के मार्ग पर चलने वाले व्यक्ति ही सच्ची सफलता प्राप्त करते हैं। उनकी सादगी, सेवा भावना, और ईमानदारी ने उन्हें न केवल आईमा पालमपुर के लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान दिया, बल्कि उन्हें एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया।
उनकी यह कहानी न केवल आईमा पालमपुर के लिए, बल्कि सभी के लिए एक प्रेरणा है। उनके आदर्श, नैतिकता, और सेवा भावना ने यह साबित कर दिया कि एक साधारण जीवन भी असाधारण हो सकता है, अगर उसमें ईमानदारी और दूसरों की भलाई की भावना हो। वे सच में आईमा पालमपुर के हीरो थे, हैं, और हमेशा रहेंगे।
मियां प्रेमचंद जी की स्मृति आज भी जीवित है और उनकी प्रेरणादायक कहानी हमें सिखाती है कि जीवन में सफलता केवल धन और पद से नहीं, बल्कि सच्चाई, सेवा, और ईमानदारी से मिलती है। वे हमेशा हमारे दिलों में एक अमिट छवि के रूप में रहेंगे।