नादौन के सरकारी डॉक्टर ने अपनी अचल संपत्ति की सरकार के नाम। कहा:- सरकार से सैलरी लेकर ही अर्जित की थी संपत्ति, औलाद नहीं तो इसकी हकदार भी सरकार
Renu Sharma tct

जिला हमीरपुर के नादौन क्षेत्र सरकारी डॉक्टर राजेंद्र कंवर ने अपने सारी संपत्ति सरकार के नाम करने का फैसला किया है दलील यह दी कि सरकार से तनख्वाह लेकर ही यह संपत्ति बनाई गई है तो इसकी हकदार भी सरकार है । उल्लेखनीय है कि डॉक्टर कंवर के कोई औलाद नहीं है तथा उनकी पत्नी की भी मृत्यु हो गई है
हमीरपुर जिले के उपमंडल नादौन के रहने वाले स्वास्थ्य विभाग से सेवानिवृत्त चिकित्सक ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा को पूरा करते हुए सरकार को वारिस बनाकर अपनी करोड़ों की चल-अचल संपत्ति सरकार के ही नाम कर दी।
पंचायत जोलसप्पड़ के गांव सनकर के 72 वर्षीय डॉ. राजेंद्र कंवर 33 वर्षों बाद स्वास्थ्य विभाग से और उनकी पत्नी कृष्णा कंवर शिक्षा विभाग से सेवानिवृत्त हुईं थीं। एक वर्ष पूर्व पत्नी का देहांत हुआ था। दोनों की इच्छा थी कि उनकी कोई संतान न होने के चलते वे अपनी चल-अचल संपत्ति सरकार के नाम वसीयत कर देंगे, क्योंकि उन्होंने सरकारी नौकरी के दौरान ही सब कुछ अर्जित किया है।
डॉ. कंवर का जन्म 15 अक्तूबर, 1952 को माता गुलाब देवी और पिता डॉ. अमर सिंह के घर गांव धनेटा में हुआ था। 1974 में एमबीबीएस की पढ़ाई इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज तत्कालीन समय में स्नोडेन अस्पताल शिमला से पूरी की। उसके उपरांत इंटर्नशिप पूरी करके 3 जनवरी, 1977 को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोरंज में बतौर चिकित्सक ज्वाइन किया। नौकरी के दौरान उन्होंने सेवा भाव के जज्बे के चलते पदोन्नति को भी दरकिनार किया। डॉ. कंवर अभी भी प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल कर रहे हैं। वह एक नामी डॉक्टर (कांगू वाले डॉक्टर) के नाम से और समाजसेवी की हैसियत से जाने जाते हैं।
डॉक्टर कंवर के इस जज्बे का पूरे क्षेत्र में भरपूर स्वागत हो रहा है तथा लोग भूरी भूरी प्रशंसा कर रहे हैं सरकार को भी चाहिए कि डॉक्टर कंवर के इस ऐतिहासिक फैसले को देखते हुए उन्हें उचित सम्मान प्रदान किया जाए