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*आओ अपने इष्टदेव को मनाए पूजा में शुद्ध धूप ही जलाएं*

 

Bksood chief editor

कहते हैं पहाड़ों की धूप और पहाड़ों का धूप बहुत अच्छे होते हैं। पहाड़ों की धूप जितनी अच्छी और शरीर तन को तरोताजा कर देती है, उसी तरह से पहाड़ों का ओरिजिनल धूप भी तन और मन दोनों को सुगंधित और रिफ्रेश कर देता है ।

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परंतु पहाड़ों की धूप का मजा तभी है अगर बादल ना हो ,और पहाड़ी धूप का मजा भी तभी है अगर उसमें मिलावट ना हो। आजकल कुछ लोग अपने थोड़े से फायदे के लिए भगवान को अर्पण किए जाने वाला धूप में भी ना जाने क्या क्या मिलावट कर देते हैं ।परंतु ए बी साइंटिफिक ने अपने फायदे के लिए नहीं लेकिन समाज की सेवा के लिए एक धूप निकाला है जो पिछले 5 वर्षों से मार्केट में खूब धूम मचा रहा है। यह धूप बिल्कुल पहाड़ों की ओरिजिनल जड़ी बूटियों से बनाया गया है और इसमें बनावटी तेल या सुगंध का बिल्कुल भी इस्तेमाल नहीं किया गया है।
यह शुद्ध जड़ी बूटियों से तैयार किया गया धूप है जिसे मार्केट में लाभ कमाने के लिए नहीं बल्कि सेवा करने के लिए उतारा गया है। मार्केट में यह धूप फैक्ट्री लागत से भी कम कीमत पर लोगों को उपलब्ध करवाया जा रहा है। क्योंकि इस धूप के निर्माता अनूप सूद प्रभु और गुरु में बहुत विश्वास रखते हैं तथा गुरु की आज्ञा अनुसार उन्होंने इस ग्रुप को समाज सेवा के लिए बनाया है ना कि लाभ कमाने के लिए ।
धूप के निर्माता अनूप सूद का कहना है कि उनके गुरु देव परम पूज्य सुरेश भैया जी महाराज के निर्देशानुसार और आज्ञा अनुसार लोगों को यह धूप उपलब्ध करवा रहे हैं, ताकि लोग ईश्वर भक्ति करते समय तो कम से कम मिलावट के दोष से दूर रहें ।उन्होंने बताया कि व्यापार में लाभ कमाने के लिए और भी बहुत से साधन होते हैं जिसे वह अपने गुरु महाराज सुरेश भैया जी की कृपा से पूरा कर रहे हैं। लेकिन धूप बनाने का कार्य एक सेवा का कार्य है जिसे वह समाज की सेवा में समर्पित कर रहे हैं,तथा इसमें शिवा के अलावा उनका कोई और मंशा या हित नहीं जुड़ा है उनके लिए गुरु आज्ञा शिरोधार्य हैं।

अनूप सूद का कहना है कि शुद्धता के कारण ही उनके धूप का मूल्य मार्केट में अन्य धूपों के मुकाबले में थोड़ा अधिक है परंतु अगर आपको शुद्धता चाहिए  तो उसके लिए थोड़ी अधिक कीमत तो चुकानी ही पड़ती है। उनके धूप में शुद्ध हिमालयन हर्बल धूप,  शुद्ध बेठर  धूप तथा हिमालयन अरोमा शामिल है ,जिसे मार्केट में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है लेकिन यह तीनों ही प्रकार के धूप बिल्कुल शुद्ध और इस्तेमाल करने वालों को अपने इष्ट देव को प्रसन्न करने वाले हैं।अनूप सूद 7018 2-61700

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